आज होगा RBI की बैठक के नतीजों को ऐलान, मिल सकता है ये बड़ा फायदा
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रेपो रेट में कटौती कर सकता है। गिरती अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया जा सकता है। आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक सोमवार से शुरू हुई थी। इस तीन दिवसीय बैठक में जो भी फैसले लिए गए उनकी जानकारी 5 दिसंबर (आज) को दी जाएगी।
6वीं बार बैठक की अध्यक्षता
ये बैठक इसलिए अधिक खास है क्योंकि बतौर गवर्नर शक्तिकांत दास लगातार 6वीं बार बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। वहीं शक्तिकांत दास का एक साल का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है। देश में कुछ समय से आर्थिक मंदी का माहौल बना हुआ है। ऐसे में इससे उबरने के लिए केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति फरवरी से अभी तक अपनी बैठकों मे पांच बार रेपो दर में कटौती कर चुकी है।
रेपो दर कुल 1.35 फीसदी तक घटी
इन पांच बार में रेपो दर कुल 1.35 फीसदी तक घटी है, लेकिन बावजूद इसके अर्थव्यवस्था में सुधार के कोई संकेत नहीं दिखे। इसी बीच दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और बाकी आर्थिक आंकड़ों में भी कमी दर्ज की गई है। ऐसे में अब एक बार फिर रेपो दर में गिरावट आ सकती है। ये वही दर है जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देता है।
क्या रही जीडीपी?
बता दें जीडीपी दर छह साल के सबसे निचले स्तर पर 4.5 फीसदी रह गई है। बीते सप्ताह सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में चालू वित्त वर्ष की 30 सितंबर को समाप्त दूसरी तिमाही में ये आंकड़ा बताया गया है। जबकि पहली तिमाही में ये पांच फीसदी थी। यानी लगातार छठी तिमाही में विकास दर में गिरावट आई है।
क्या है रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर केंद्रीय बैंक आरबीआई, बैंकों को कर्ज देता है। इसी आधार पर बैंकों की ओर से ग्राहकों को कर्ज दिया कराया जाता है। रेपो रेट कटौती होने के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव बनता है। आरबीआई हर दो महीने पर होने वाली मौद्रिक नीति की बैठक में रेपो रेट की समीक्षा करता है।