2020 में कोरोना की वजह से भारत की आर्थिक वृद्धि होगी शून्य
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने अब भारतीय अर्थव्यवस्था को भी पूरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया है। लॉकडाउन के चलते अब 3 मई तक सभी उद्योग और संस्थान बंद रहेंगे। जिसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी से उतरती नजर आ रही है। एक ताजा आर्थिक रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से 3 मई तक 234.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान भारत को उठाना पडे़गा। वहीं भारत की आर्थिक वृद्धि दर साल 2020 के लिए शून्य रहने का अनुमान है। इस रिपोर्ट के बाद भारत सरकार की चिंता बढ़ना लाजमी है।
कोरोना के आर्थिक नुकसान पर बारिकी से नजर रखने वाली ब्रिटिश ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज के मुताबिक अभी 14 अप्रैल तक हुए लॉकडाउन से भारत को 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ था। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है, ऐसे में ये नुकसान बढ़कर 234.4 बिलियन डॉलर हो जाएगा। वहीं पहले अनुमान लगाया गया था कि 2020 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2.5 फीसदी रहेगी, लेकिन अब इतने बढ़े पैमाने पर हुए लॉकडाउन की वजह से ये वृद्धि दर शून्य हो जाएगी। बार्कलेज के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-2021 में 3.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान था लेकिन अब ये घटकर 0.8 प्रतिशत ही रह जाएगी।
कब
पटरी
पर
आएगा
कारोबार?
प्रधानमंत्री
मोदी
ने
तीन
मई
तक
लॉकडाउन
बढ़ा
दिया
है।
इसके
साथ
ही
उन्होंने
20
अप्रैल
के
बाद
ऐसे
इलाकों
में
लॉकडाउन
में
छूट
देने
की
बात
कही
है,
जहां
कोरोना
के
केस
नहीं
हैं।
फिलहाल
उन
इलाकों
में
उद्योग
और
व्यापारिक
प्रतिष्ठान
खुल
पाएंगे
या
नहीं,
ये
बुधवार
को
जारी
होने
वाली
गाइडलाइन
के
बाद
ही
साफ
हो
पाएगा।
वहीं
इससे
पहले
सरकार
का
विचार
था
कि
जिन
फैक्ट्रियों
और
संस्थानों
में
सोशल
डिस्टेंसिंग
का
पालन
हो
सकता
है,
उन्हें
खोला
जा
सकता
है।
फिलहाल
अभी
तक
इस
पर
कोई
फैसला
नहीं
हो
पाया
है।
ऐसे
में
कोरोना
की
वजह
से
भारतीय
अर्थव्यवस्था
को
अभी
और
नुकसान
उठाना
ही
पड़ेगा।