क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

2018-19 में धीमा हो सकता है इकोनॉमिक ग्रोथ- सरकारी रिपोर्ट

Google Oneindia News

नई दिल्ली- तीन दौर के मतदान से पहले वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट से मोदी सरकार का टेंशन बढ़ सकता है। वित्त मंत्रालय की इस रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा लगता है कि 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार (Economic growth) धीमी रही है। इस रिपोर्ट में कुछ चुनौतियों पर ध्यान देने की बात भी कही गई है, ताकि इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic growth) के मोमेंटम को जारी रखा जा सके।

पहले ही घटा दिया था ग्रोथ का अनुमान

पहले ही घटा दिया था ग्रोथ का अनुमान

गौरतलब है कि सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस ( Central Statistics Office-CSO) ने तीसरी तिमाही के लिए जारी नेशनल एकाउंट डाटा रिलीज करते समय फरवरी में ही 2018-19 के लिए आर्थिक विकास के अनुमान को 7.2 फीसदी से घटा कर 7 फीसदी कर दिया था। 7 फीसदी का विकास दर 5 वर्षों में सबसे कम है। मसलन, 2013-14 में जीडीपी का विकास दर 6.4 फीसदी, 2014-15 में 7.4 फीसदी, 2015-16 और 2016-17 में 8.2 फीसदी एवं 2017-18 में 7.2 फीसदी रही थी।

क्यों सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था?

क्यों सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था?

वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि, "वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था थोड़ी सुस्त पड़ी है। आर्थिक रफ्तार में इस सुस्ती की मुख्य वजह प्राइवेट कंजंप्शन (Private Consumption) के कम होने, फिक्स्ड इन्वेस्टमेंट में इजाफा और एक्सोपोर्ट में कमी से हुई है।" हालांकि, मंत्रालय ने कहा है कि भारत अभी भी सबसे तेजी से विकसित होने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है और इसने आने वाले वर्षों में और तेजी से विकास का अनुमान भी जताया है।

चुनौतियां हैं, लेकिन तैयारी भी है

चुनौतियां हैं, लेकिन तैयारी भी है

मार्च में जारी इकोनॉमिक रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय ने कहा है कि मॉनिटरी पॉलिसी (Monetary Policy) के माध्यम से रेपो रेट (Repo rate) और बैंक लिक्विडिटी (Bank Liquidity) घटा कर के विकास की गति को बढ़ाए रखने का प्रयास किया गया है। जबकि, वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में एग्रीकल्चर सेक्टर में कई बदलावों की जरूरत पर जोर दिया गया है। इस रिपोर्ट में 2018-19 की चौथी तिमाही में रियल इफेक्टिव एक्सचेंज में बढ़त की बात है, जिससे आगे एक्सपोर्ट के रिवाइवल में चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक अर्थव्यस्था में गतिशीलता बनाए रखने के लिए आरबीआई (RBI) ने 2018-19 में लो इंफ्लेशन बनाए रखा और पिछले कुछ महीनों में भी यह प्रक्रिया जारी रखी गई है। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में आरबीआई ने पॉलिसी इंटरेस्ट रेट्स दो बार 0.25 प्रतिशत कम किए हैं।

वित्त मंत्रलाय की रिपोर्ट में ये भी कहा कया है कि एक्सटर्नल फ्रंट पर जीडीपी (GDP) के औसत पर चालू खाता घाटा (Current account deficit),जो कि देश की ओवरसीज जिम्मेदारियों को निभाने की क्षमता का इंडिकेटर है, 2018-19 की चौथी तिमाही में गिरना तय है। इससे अर्थव्यवस्था के विकास की गति में आने वाली रुकावटें दूर होंगी।

इसे भी पढ़ें- माया ने राहुल-सोनिया के लिए मांगे वोटइसे भी पढ़ें- माया ने राहुल-सोनिया के लिए मांगे वोट

Comments
English summary
Economic growth may have slowed in 2018-19: Finance ministry report
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X