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2014 से लोगों कीआर्थिक स्थिति खराब हो गई है या वही बनी हुई है, जानें क्‍या कहता है सर्वे

2014 से लोगों कीआर्थिक स्थिति खराब हो गई है या वही बनी हुई है, जानें क्‍या कहता है सर्वे

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नई दिल्ली, 21 जनवरी। फरवरी महीने होने वाले पांच प्रमुख राज्य विधानसभा चुनावों से पहले, दो प्रमुख मुद्दे हैं जो भारत में सावर्जनिक चर्चा का विषय हैं। इनमें भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और कोविड-19 महामारी शामिल हैं। ऐसे में जनता का क्‍या सोचती है और उसका मूड क्‍या कर रहा है। इस पर एक सर्वे रिपोर्ट आई है।

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2014 से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है या वो ही बनी हुई है
इंडिया टुडे ने दो साल के देशव्यापी सर्वेक्षण, 'मूड ऑफ द नेशन' के परिणाम घोषित किया है। जिसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि भारतीय सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में क्या सोचते और महसूस करते हैं जो उन्हें चिंतित करते हैं। सर्वेक्षण में 65% लोगों को लगता है कि 2014 से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है या वही बनी हुई है। सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, एक तिहाई लोगों को लगता है कि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, एक तिहाई को लगता है कि और बिगड़ गई है और एक तिहाई को लगता है कि 2014 से वही बनी हुई है।

डेली खर्चा करना हुआ मुश्किल
67 फीसदी लोगों का कहना है कि मौजूदा समय में दैनिक खर्चों का प्रबंधन करना मुश्किल है। सर्वेक्षण के अनुसार, 67 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें वर्तमान में अपने दैनिक खर्चों का प्रबंधन करना मुश्किल हो रहा है। इस दौरान। 24% ने कहा कि उनके खर्चे बढ़ गए हैं लेकिन प्रबंधनीय हैं। 60% का कहना है कि सरकार ने महामारी के आर्थिक नतीजों का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त किया है।

सबसे ज्यादा फायदा बड़े कारोबारियों को हुआ है
सर्वे के नतीजों के मुताबिक, 48 फीसदी लोगों को लगता है कि मोदी सरकार की आर्थिक नीति से सबसे ज्यादा फायदा बड़े कारोबारियों को हुआ है। दूसरी ओर, 12 फीसदी का मानना ​​है कि इससे सबसे ज्यादा फायदा किसानों को हुआ है। सिर्फ 8 फीसदी को लगता है कि मोदी की आर्थिक नीतियों से वेतनभोगी वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है।

पीएम मोदी के खिलाफ स्पष्ट गुस्सा नहीं है
यशवंत देशमुख ने कहा मोदी सरकार की समाज कल्याण योजनाएं इसे अर्थव्यवस्था से जुड़े गुस्से से बचा रही हैं। दो-तिहाई भारतीयों को खर्चों का प्रबंधन करना मुश्किल हो रहा है, लेकिन इसका परिणाम सरकार या पीएम मोदी के खिलाफ स्पष्ट गुस्सा नहीं है। मुझे लगता है कि इसका मोदी सरकार की सामाजिक कल्याण योजनाओं से बहुत कुछ लेना-देना है। लोगों को राशन, शौचालय और घर बनाया वगैरह। लोग समझ रहे हैं कि यह मुश्किल समय है लेकिन सरकार पर्याप्त राशन मुहैया करा रही है। मुझे लगता है कि इसका जवाब यहीं है।"

लोग अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं
भाजपा नेता जयंत सिन्हा ने कहा, "लोग अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं। नतीजतन, भले ही उन्हें स्वास्थ्य और आर्थिक रूप से कठिन समय का सामना करना पड़ा हो, फिर भी उन्हें सरकार पर भरोसा है। वहीं यशवंत देशमुख ने कहा मोदी सरकार की समाज कल्याण योजनाएं इसे अर्थव्यवस्था से जुड़े गुस्से से बचा रही हैं।

निश्चित रूप से भारत को नुकसान हो रहा है
इंडिया टुडे के राज चेंगप्पा ने कहा, निश्चित रूप से भारत को नुकसान हो रहा है। पीएम मोदी को अर्थव्यवस्था पर ध्यान देना होगा।अर्थव्यवस्था मोदी सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।

बड़े कारोबारियों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है
तारिणी मेहता ने पोस्ट किया कि 38% लोग चाहते हैं कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी प्रतिबंधित हो, 28% लोग नहीं चाहते। तारिणी मेहता ने पोस्ट किया और लिखा 48 फीसदी लोगों का मानना ​​है कि मोदी सरकार की आर्थिक नीति से बड़े कारोबारियों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा फ्यूल एक्साइज ड्यूटी, जीएसटी में लगाता बढोत्‍तरी हो रही है। ईंधन उत्पाद शुल्क और जीएसटी में लगातार वृद्धि हुई है, केंद्र की आर्थिक नीतियों ने मध्यम आय वर्ग को चोट पहुंचाई है।

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English summary
economic condition of the people has worsened or remained the same since 2014, know what the survey says
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