क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Eco friendly eco friendly diwali: रंगोली के इन तरीकों से कीजिए मां लक्ष्मी को प्रसन्न

Google Oneindia News

नई दिल्ली। दिवाली पर अगर लोग दिए जलाते हैं तो वहीं हर घर के आंगन और मुख्य द्वार पर रंगोली बनाने की भी परंपरा है। लोग सुंदर रंगों से अपने घरों में रंगोली मनाते हैं। माना जाता है कि रावण का वध करने के पश्चात जब श्रीराम अपनी पत्नी सीता के साथ 14 वर्षों का वनवास व्यतीत करके अयोध्या वापस लौट रहे थे, तब अयोध्या वासियों ने उनका पूरे हर्षोल्लास से स्वागत किया था। लोगों ने अपने घरों की साफ-सफाई करके उन्हें स्वच्छ बनाकर रंगों तथा फूलों की मदद से रंगोली सजाई थी और घर को दीपक से सजाया था, इसलिए तब से ही दीपावली पर रंगोली और दिए जलाने का नियम बन गया है। अगर इस भरोसे में थोड़ी सी रचनात्मकता जुड़ जाए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा तो चलिए जानते हैं कुछ खास तरीकों के बारे में।

 रंगोली दो प्रकार से बनाई जाती है

रंगोली दो प्रकार से बनाई जाती है

रंगोली दो प्रकार से बनाई जाती है, सूखी और गीली। दोनों में एक मुक्तहस्त से और दूसरी बिंदुओं को जोड़कर बनाई जाती है। बिंदुओं को जोड़कर बनाई जाने वाली रंगोली के लिए पहले सफेद रंग से जमीन पर किसी विशेष आकार में निश्चित बिंदु बनाए जाते हैं फिर उन बिंदुओं को मिलाते हुए एक सुंदर आकृति आकार ले लेती है, इस बार आप इकोफ्रेंडली दिवाली बनाने के लिए केमिकल रंगों की जगह फूलों और प्राकृतिक रंगों का प्रयोग कर सकते हैं।

यह पढ़ें: Happy Diwali 2019: अपनों को भेजें ये प्रेम भरे संदेश, जगमग हो जाएगा दिवालीयह पढ़ें: Happy Diwali 2019: अपनों को भेजें ये प्रेम भरे संदेश, जगमग हो जाएगा दिवाली

 'रेडिमेड रंगोली' स्टिकर

'रेडिमेड रंगोली' स्टिकर

पारंपरिक मांडना बनाने में गेरू और सफ़ेद खड़ी का प्रयोग किया जाता है। बाज़ार में मिलने वाले रंगोली के रंगों से रंगोली को रंग बिरंगा बनाया जा सकता है। रंगोली बनाने के झंझट से मुक्ति चाहने वालों के लिए अपनी घर की देहरी को सजाने के लिए 'रेडिमेड रंगोली' स्टिकर भी बाज़ार में मिलते हैं, जिन्हें मनचाहे स्थान पर चिपकाकर रंगोली के नमूने बनाए जा सकते हैं।

आटा या रंग का पाउडर

आटा या रंग का पाउडर

अगर रंगोली बनाने के लिए बाजार में कुछ सांचे ऐसे भी मिलते हैं जिनमें आटा या रंग का पाउडर भरा जा सकता है। इसमें नमूने के अनुसार छोटे छेद होते हैं। इन्हें ज़मीन से हल्का सा टकराते ही निश्चित स्थानों पर रंग झरता है और सुंदर नमूना प्रकट हो जाता है।

गीली रंगोली

गीली रंगोली चावल को पीसकर उसमें पानी मिलाकर तैयार की जाती है। इस घोल को ऐपण, ऐपन या पिठार कहा जाता है। इसे रंगीन बनाने के लिए हल्दी का प्रयोग भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त रंगीन रंगोली बाज़ार में मिलने वाले पोस्टर, क्रेयॉन, फ़ेब्रिक और एक्रिलिक रंगों से भी बनाई जाती हैं।

यह पढ़ें: Diwali 2019: जानिए लक्ष्मी-गणेश की पूजा और मुहूर्त का समययह पढ़ें: Diwali 2019: जानिए लक्ष्मी-गणेश की पूजा और मुहूर्त का समय

Comments
English summary
These magical Eco friendly Diwali Rangoli Design you can make at home this year.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X