चुनाव आयोग का निर्देश, चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल ना करें पार्टियां
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनावी रणभेरी बज चुकी है। लोकतंत्र के इस महापर्व में सभी राजनीतिक अपनी-अपनी किस्मत आजमाने उतर रहे हैं। इस बीच चुनाव प्रक्रिया की निगरानी कर रहे निर्वाचन आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को निर्देश जारी किया है। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से कहा है कि प्रचार के लिए धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल न करें।
गौरतलब है कि सत्ताधारी दल भाजपा ने चुनाव आयोग से मस्जिदों में विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त करने की मांग की थी। भाजपा ने चुनाव आयोग से धार्मिक आधार पर वोटों के ध्रुवीकरण की कोशिश पर रोक लगाने का आग्रह किया था। चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि प्रचार के दौरान किसी भी धर्म और जाति का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
चुनाव आयोग ने 11 मार्च को केरल की राजनीतिक पार्टियों को सबरीमाला मामले को चुनाव प्रचार के दौरान इस्तेमाल करने पर रोक लगाई थी। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि धार्मिक स्थलों का प्रचार के लिए इस्तेमाल करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। चुनाव आयोग ने कहा है कि राजनीतिक या धार्मिक नेताओं को ऐसी गतिविधियों की बिल्कुल इजाजत नहीं दी जा सकती, जिससे समाज में तनाव बढ़े।
गौरतलब है कि देशभर में लोकसभा चुनाव सात चरणों में संपन्न होंगे। बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में भी सात चरणों में चुनाव संपन्न होंगे। इसके अलावा बाकी राज्यों में एक या दो चरणों में ही मतदान की प्रक्रिया पूरी होगी। पहले चरण में 11 अप्रैल को वोटिंग होगी जबकि 19 मई को आखिरी चरण में मतदान होंगे। लोकसभा चुनावों के परिणाम 23 मई को घोषित किए जाएंगे।
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