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भारत में शादी के बाद हनीमून तक नहीं मना सकीं पाकिस्‍तानी दुल्‍हनें!

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मुंबई। केंद्र सरकार की ओर से इमिग्रेशन रूल्‍स को सरल बनाए जाने के बाद भारतीय नागरिकता पाने के लिए आवेदन करने वाले पाकिस्‍तान नागरिकों की संख्‍या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। दिसंबर 2017 में किए गए बदलावों के बाद से महाराष्‍ट्र सरकार के पास पाकिस्‍तानी नागरिकों के आवेदन छह गुना बढ़ गए हैं। इन आवेदनों में पाकिस्‍तान की वे दुल्‍हनें भी शामिल हैं, जिनकी शादी भारत में हुई है। शादी के एक दशक बाद तक इन महिलाओं ने भारतीय नागरिकता की प्रतीक्षा की।

हनीमून पर नहीं जा सकीं पाकिस्‍तानी दुल्‍हनें

हनीमून पर नहीं जा सकीं पाकिस्‍तानी दुल्‍हनें

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई के माहिम की रहने जाहिदा अंसारी कराची की रहने वाली है। उनका निकाह मुंबई में हुआ, लेकिन उन्‍हें भारतीय नागरिकता पाने के लिए दस साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। इसी प्रकार से अस्‍मां गजधर भी काफी खुश हैं। वह कहती हैं कि भारतीय नागरिकता पाने से उन्‍हें यह फायदा हुआ कि अब वह पूरे भारत में कहीं भी घूमने जा सकती हैं। अस्‍मां के मुताबिक, भारतीय नागरिकता न मिलने की वजह से उन्‍हें वीजा के हिसाब चलना पड़ता था और उनका वीजा उन्‍हें मुंबई के बाहर जाने की इजाजत नहीं देता था। अस्‍मां ने बताया कि वीजा नियमों की वजह से वह 7 साल तक मुंबई के बाहर नहीं गईं। पाकिस्‍तान की बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं, जिन्‍होंने भारत में शादी की। वे महाराष्‍ट्र की राजधानी मुंबई समेत अन्‍य इलाकों में रहती हैं, लेकिन वीजा की बंदिशों के चलते ये महिलाएं हनीमून पर भी नहीं जा सकीं। मुंबई में रहकर भी लोनावला तक जाना भी उनके लिए मुमकिन न हो सका।

अब तेजी से हो रहा नागरिकता संबंधी मामलों का निपटारा

अब तेजी से हो रहा नागरिकता संबंधी मामलों का निपटारा

गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिसंबर 2017 में नियमों में बदलाव से पहले छह महीने में उनके पास केवल 10 प्रार्थना पत्र आते थे, लेकिन अब इनकी संख्‍या 50 से 60 हो गई है। अब नियमों में बदलाव के बाद मुंबई, पुणे, ठाणे आदि शहरों में जिलाधिकारी को अधिकार दिए जाने के बाद तेजी से इस प्रकार के मामलों का निपटारा हो रहा है।

वाजपेयी ने नागरिकता के लिए समय-सीमा घटा दी थी

वाजपेयी ने नागरिकता के लिए समय-सीमा घटा दी थी

डॉक्‍टर गुरुमुख जगवानी, वर्ष 1985 में पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत से महाराष्‍ट्र के जलगांव आए थे। उन्‍हें पांच साल बाद 1990 में भारत की नागरिकता मिली थी। वह 2004 में एमएलसी भी चुने गए। गुरुमुख जगानी बताते हैं कि बंटवारे के बाद भारत में पांच साल बिताने वाले को भारतीय नागरिकता आसानी से मिल जाती थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस समय-सीमा को घटाकर दो साल कर दिया था, लेकिन यूपीए सरकार के समय में समय-सीमा बढ़ाकर 7 साल कर दी गई।

शाहिद उस्‍मानी की पत्‍नी को 15 मिनट में मिल गया अप्रूवल

शाहिद उस्‍मानी की पत्‍नी को 15 मिनट में मिल गया अप्रूवल

2014 में गृह मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद राजनाथ सिंह ने सबसे पहले दिसंबर 2016 और उसके बाद दिसंबर 2017 में नियमों में बदलाव किया। इसके बाद से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने वालों को काफी आसानी हो रही है। शहिद उस्‍मानी की शादी कराची में पैदा होने वाली जीनत से हुई है। शाहिद बताते हैं कि जब से नागरिकता के लिए आवेदन की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है, तब से बड़ी आसानी हो रही है। उन्‍होंने बताया कि उनकी पत्‍नी को 15 मिनट में अप्रूवल मिल गया।

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English summary
Eased immigration rules give Pak brides in India a ticket to travel.
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