दिल्ली-NCR में आंधी-तूफान के बीच भूंकप के तेज झटके, जम्मू-कश्मीर भी हिला
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक अफगानिस्तान और पाकिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.6 मापी गई है। भूकंप का केंद्र काबुल से 182 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है। भूकंप के झटके दिल्ली- एनसीआर सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए। आपको बता दें कि बीते दो दिनों से दिल्ली-एनसीआर में तेज आंधी-तूफान के साथ बारिश भी हो रही है। आज (बुधवार को) भी मौसम विभाग ने तूफान और तेज बारिश की आशंका जताई है।
इन-इन इलाकों में महसूस हुए झटके
मिल रही जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में भी तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। लेकिन किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। कश्मीर क्षेत्र में इसकी तीव्रता 4.8 थी। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश और पंजाब में झटके महसूस किए गए। हिमाचल के कुल्लू-मनाली में भी लोग सड़कों पर बाहर आ गए।
काबुल में भी हिली धरती
भारत के साथ-साथ अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। अफगानिस्तान बॉर्डर के करीब ताजिकिस्तान में भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है। पाकिस्तान के इस्लामाबाद समेत कई शहरों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
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भूकंप आने के पीछे ये होती है मुख्य वजह
धरती के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती हैं जो लगातार घूम रही हैं। ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब दबाव ज्यादा बनने लगता है कि तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। इनके टूटने के कारण अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
रिक्टर स्केल पर कितनी तीव्रता का भूकंप लाता है कैसी तबाही
0 से 1.9 की तीव्रता का भूकंप सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है। इतनी तीव्रता का भूकंप आमतौर पर महसूस भी नहीं होता है। 2 से 2.9 तीव्रता के भूकंप को हल्का कंपन माना जाता है। इससे ज्यादा नुकसान होता है। 3 से 3.9 तीव्रता वाले भूकंप का असर कुछ ऐसा होता है मानो आपके पास से कोई ट्रक गुजर गया हो।
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भूकंप आए तो जरूर बरते ये सकर्तता
अगर आप किसी इमारत के अंदर हैं तो फर्श पर बैठ जाएं और किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे चले जाएं। यदि कोई मेज या ऐसा फर्नीचर न हो तो अपने चेहरे और सर को हाथों से ढंक लें और कमरे के किसी कोने में दुबककर बैठ जाएं। अगर आप इमारत से बाहर हैं तो इमारत, पेड़, खंभे और तारों से दूर हट जाएं। अगर आप किसी वाहन में सफर कर रहे हैं तो जितनी जल्दी हो सके वाहन रोक दें और वाहन के अंदर ही बैठे रहें।