कर्नाटक और झारखंड में भूकंप के झटके, घरों से बाहर निकले लोग
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच शुक्रवार सुबह झारखंड और कर्नाटक में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, झारखंड के जमशेदपुर में आज सुबह 6.55 पर भूकंप आया, वैज्ञानिकों ने इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.7 बताई है तो वहीं कर्नाटक के हिम्पी में भी आज सुबह 6.55 पर धरती हिलने लगी, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक जैसे ही धरती हिलनी मालूम हुई लोग अपने-अपने घरों से निकलकर सड़क पर आ गए, फिलहाल अभी कहीं से कोई जान माल के नुकसान की खबर नहीं है।
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कर्नाटक और झारखंड में भूकंप के झटके
आपको बता दें कि बुधवार को भारत-बांग्लादेश सीमा पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जिसके बाद लोग घरों से बाहर निकलकर खुले मैदान की ओर भागने लगे थे, वैज्ञानिकों ने इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 बताई थी। इसके साथ ही इसका केंद्र राजधानी ढाका के आसपास बताया गया था। फिलहाल किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई थी। मालूम हो कि पिछले डेढ़ महीने में दिल्ली-एनसीआर में 11 बार भूकंप के झटके लग चुके हैं, बताया जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में धरती के अंदर प्लेटों के एक्टिव होने से ऊर्जा निकल रही है, जिससे रह-रहकर झटके महसूस हो रहे हैं।
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बड़े भूकंप की आहट हैं ये झटके?
भूकंप को लेकर हुई कुछ स्टडी में यह दावा किया गया है कि इस तरह के छोटे भूकंप के झटके बड़े भूकंप की आहट होते हैं। यूएस के लॉस अलामॉस नैशनल लेबोरेट्री की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल केलिफॉर्निया में 4.0 तीव्रता के झटकों से पहले इसी तरह के कुछ हल्के झटके महसूस किए गए थे।
क्या होता है भूकंप
भूकंप या भूचाल पृथ्वी की सतह के हिलने को कहते हैं। यह पृथ्वी के स्थलमण्डल (लिथोस्फ़ीयर) में ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारण उत्पन्न होने वाली भूकंपीय तरंगों की वजह से होता है। भूकंप बहुत हिंसात्मक हो सकते हैं और कुछ ही क्षणों में लोगों को गिराकर चोट पहुंचाने से लेकर पूरे नगर को ध्वस्त कर सकने की इसमें क्षमता होती है।
भूकंप मापी यंत्र
भूकंप का मापन भूकंप मापी यंत्र से किया जाता है, जिसे सीस्मोग्राफ कहा जाता है। एक भूकंप का आघूर्ण परिमाण मापक्रम पारंपरिक रूप से नापा जाता है, या अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है। 3 या उस से कम रिक्टर परिमाण की तीव्रता का भूकंप अक्सर अगोचर होता है, जबकि 7 रिक्टर की तीव्रता का भूकंप बड़े क्षेत्रों में गंभीर क्षति का कारण होता है। झटकों की तीव्रता का मापन विकसित मरकैली पैमाने पर किया जाता है।
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