राजधानी दिल्ली में भूकंप के झटके, रिएक्टर स्केल पर 4.2 थी तीव्रता
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में गुरुवार रात फिर से धरती डोली, जहां पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 4.2 थी। साथ ही इसका केंद्र गुरुग्राम के दक्षिण पश्चिम में बताया जा रहा है। अभी तक भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है, फिर भी प्रशासनिक अधिकारी जांच में लगे हुए हैं।
Recommended Video
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में रात 11.46 बजे के आसपास भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की खबर लगते ही लोग घरों से निकलकर खुली जगह पर आ गए। इस भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 4.2 थी। साथ ही इसका केंद्र गुरुग्राम से 48 किलोमीटर दूर था। दिल्ली में भूकंप से डेढ़ घंटे पहले रात 10.02 बजे मणिपुर में भी भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 3.2 थी। मणिपुर में आए भूकंप का केंद्र छुरछंदपुर था।
शोध
में
सामने
आई
ये
बात
पिछले
एक
साल
से
दिल्ली-एनसीआर
समेत
भारत
के
उत्तरी
इलाके
में
कई
बहुत
ही
कम
तीव्रता
के
भूकंप
के
झटके
महसूस
किए
जा
चुके
हैं।
आम
भावना
यही
है
कि
ये
छोटे
भूकंप
आगे
किसी
बड़े
भूकंप
के
संकेत
हो
सकते
हैं।
सिस्मोलॉजिकल
रिसर्च
लेटर्स
जर्नल
में
अगस्त
में
छपी
एक
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पूरे
हिमालय
क्षेत्र
में
एक
के
बाद
एक
कई
बड़े
भूकंप
आ
सकते
हैं।
इसमें
से
कई
भूकंप
की
तीव्रता
8
से
भी
ज्यादा
भीषण
हो
सकती
है
और
यह
हम
सबके
जीवन
काल
के
दौरान
की
सबसे
बड़ी
प्राकृतिक
तबाही
भी
साबित
हो
सकती
है।
इस
भूकंप
से
दिल्ली
से
लेकर
काठमांडू
तक
तबाही
का
अनुमान
वैज्ञानिकों
ने
लगाया
है।
नेपाल ने किया माउंट एवरेस्ट की सही ऊंचाई का खुलासा, जानिए भूकंप के बाद बढ़ी या कम हुई पर्वत की हाइट
भूकंप
के
दौरान
बरतें
ये
सावधानियां
भूकंप
के
दौरान
अगर
आप
मकान,
दफ्तर
या
किसी
भी
इमारत
में
मौजूद
हैं,
तो
वहां
से
बाहर
निकलकर
खुले
में
आ
जाएं।
इसके
बाद
खुले
मैदान
की
ओर
भागें।
अगर
आप
घर
के
अंदर
हैं
तो
कोने
और
मेज
के
नीचे
छुप
जाएं।
भूकंप
आने
की
स्थिति
में
किसी
बिल्डिंग
के
आसपास
न
खड़े
हों।
अगर
आप
ऐसी
बिल्डिंग
में
हैं,
जहां
लिफ्ट
हो
तो
लिफ्ट
का
इस्तेमाल
बिल्कुल
न
करें।
ऐसी
स्थिति
में
सीढ़ियों
का
इस्तेमाल
करना
ही
सही
होता
है।