4.2 की तीव्रता वाले भूकंप से हिला अफगानिस्तान, भारत में भी महसूस हुए तेज झटके
नई दिल्ली। अफगानिस्तान में आज (बुधवार) शाम 4:18 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई है, जबकि इसका केंद्र काबुल से 270 किमी उत्तर पूर्व में था। झटके इतने तेज थे कि सीमा के करीब भारत में जम्मू-कश्मीर के इलाकों में भी भूकंप महसूस किया गया। अफगानिस्तान में आए भूकंप के झटके इतने तेज थे कि कई घरों में दरारें आ गई और लोगों डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल गए। भूकंप आने से न सिर्फ अफगानिस्तान बल्कि भारत और पाकिस्तान की सीमा पर रहने वाले लोग भी डरे हुए हैं।
एक अध्ययन के मुताबिक पूरे हिमालय क्षेत्र में एक के बाद एक कई बड़े भूकंप आ सकते हैं। इसमें से कई भूकंप की तीव्रता 8 से भी ज्यादा भीषण हो सकती है और यह हम सबके जीवन काल के दौरान की सबसे बड़ी प्राकृतिक तबाही भी साबित हो सकती है। यह भविष्यवाणी जियोलॉजिकल, हिस्टोरिकल और जियोफीजिकल स्टडी से मिले आंकड़ों के बाद की गई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश से पाकिस्तान तक हिमालय क्षेत्र में काफी घनी आबादी वाले तमाम इलाके हैं, इसलिए यह भूकंप मानवीय क्षति के हिसाब से भी बहुत ही भयानक होने की आशंका है।
An earthquake of magnitude 4.2 occurred 270 km northeast of Kabul, Afghanistan at 4:18 pm today: National Center for Seismology pic.twitter.com/HmlPIG63bc
— ANI (@ANI) October 28, 2020
यह स्टडी लिखने वाले स्टीवन जी वेस्नॉउस्की ने कहा है,'पूरब में भारत के अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में पाकिस्तान तक फैला हुआ पूरा हिमालय क्षेत्र अतीत में बड़े भूकंप का स्रोत रह चुके हैं।' उनके मुताबिक, 'ये भूकंप फिर से आएंगे और वैज्ञानिक तौर पर इसमें हैरानी नहीं होनी चाहिए कि अगला भीषण भूकंप हमारे जीवन काल में ही आ जाए।' वेस्नॉउस्की अमेरिका के रेने स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ नवादा में जियॉलजी और सिस्मोलॉजी के प्रोफेसर हैं। कोलकाता स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च में अर्थ साइंस विभाग की प्रोफेसर और सिस्मोलॉजिस्ट सुप्रियो मित्रा का कहना है कि यह रिसर्च हिमालय में इतिहास में आ चुके भूकंप और भविष्य में उसके आंकलन पर आधारित है।
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