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नरेंद्र मोदी का ब्रह्मास्त्र साबित होगा 'ई-टेक शस्त्र'

By Ajay Mohan
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Rajeev Chandrasekhar
नई दिल्ली (ब्यूरो)। संसद में जब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश की जनता के सामने आने वाले छह सालों में होने वाले कार्यों का विवरण रखा तो जनता के दिमाग में सबसे पहला सवाल आया कि नरेंद्र मोदी की सरकार पहाड़ जैसे इस लक्ष्य को कैसे पूरा करेंगे? जवाब है- ई-टेक शस्त्र मोदी के लिये ब्रह्मास्त्र साबित होगा।

यह हम नहीं बल्क‍ि राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने कही है, अपने एक लेख के माध्यम से। मेल टुडे में प्रकाश‍ित लेख में राजीव चंद्र शेखर ने मोदी सरकार के ई-टेक सिस्टम पर फोकस किया। उन्होंने अपनी बात रखने से पहले कहा कि अर्थव्यवस्था को गंभीरता से लेना, नीतियों को समयबद्ध तरीके से लागू करना एक सामान्य बात हो सकती है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण तो यह है कि इस सरकार का फोकस काम करने के तरीके में आये परिवर्तन पर है।

कैसा है यह परिवर्तन

पिछले 10 साल से यूपीए सरकार अध‍िकारों की बात करती रही, भोजन का अध‍िकार, श‍िक्षा का अध‍िकार, वगैरह-वगैरह लेकिन अर्थव्यवस्था की बात आती तो सरकार आंख मूंद लेती। एक गण‍ित उस वक्त बेहद जरूरी थी, ताकि देश की अर्थव्यवस्था ऊपर उठ सके, लेकिन जनता का खयाल रखते हुए अर्थव्यवस्था को कैसे ऊपर उठाया जाये, यह पिछली सरकार के लिये तिकड़मी सवाल जैसा हो गया था।

यूपीए की लगभग सभी योजनाओं को लकवा मार गया था, जिसका परिणाम चुनाव में दिखा। नरेंद्र मोदी की सरकार भी 10 बिंदुओं वाला प्लान लेकर आयी है, लेकिन इस बार सबसे अलग बात यह है कि इस बार काम करने का तरीका अलग होगा।

आईटी सेक्टर बनेगा बड़ा हथ‍ियार

सबसे महत्वपूर्ण यह कि 100 बिलियन डॉलर वाले आईटी सेक्टर को पिछली सरकार ने दरकिनार कर दिया था, नई सरकार का सबसे पहला फोकस उसी पर है। मोदी सरकार का मकसद है देश के प्रत्येक नागरिक को ई-गवरनेंस से जोड़ना।

यह सभी जानते हैं कि अगर आईटी को अच्छी तरह इस्तेमाल किया जाये तो ई-गवरनेंस के माध्यम से आईसीटी को प्रभावी बनाया जा सकता है। इससे सरकारी निकायों में पारदर्श‍िता आयेगी, आउटपुट ज्यादा मिलेगा और सरकार की जवाबदेही भी आसान हो जायेगी।

मोदी के इस ब्रह्मास्त्र के चलते आम जनता और सरकार के बीच एक रिलेशनश‍िप विकसित होगी। साथ ही आर्थ‍िक विकास का प्रोमोशन भी होगा। इससे सरकार व्यापार का माहौल बना सकेगी।

तब आरटीआई की नहीं पड़ेगी जरूरत

जब सरकार के सभी विभाग आईटी के माध्यम से जनता से जुड़ चुके होंगे और सभी की वेबसाइटें अपडेट रहेंगी, हर काम में पूरी तरह पारदर्श‍िता बरती जायेगी, तो सूचना का अध‍िकार यानी आरटीआई की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

नई नीतियों के तहत मोदी सरकार संसद में होने वाली चर्चा, मीटिंग के बिंदु, बयान, बजट, आदि से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य, आदि को वेबसाइट पर सार्वजनिक करेगी। यही नहीं कोई भी व्यक्त‍ि ऐसे डॉक्यूमेंट्स की ऑनलाइन ट्रेकिंग कर सकेगा। यानी संसद भवन के बंद कमरे के अंदर क्या बातें हुईं, अब वो भी आम जनता को पता चल सकेंगी। इस बड़े परिवर्तन में पारदर्श‍िता का अनुमान आप लगा सकते हैं।

एक क्लिक और हो जायेगा काम

मोदी ने प्रधानमंत्री पद ग्रहण करते ही अपने अध‍िकारियों से कहा कि वो प्रयास करें कि जो भी एप्लीकेशन आयें, वो एक पेज की ही हों, उससे ज्यादा की नहीं। फाइलें चार चरण से ज्यादा नहीं घूमनी चाहिये, आदि। इसके पीछे उनका मकसद ई-फाइलें बनाने का है। साथ ही जब सूचना मात्र एक पन्ने की होगी, तो उसका ई-वर्जन बनाने में भी आसानी होगी। इससे डाटा एनालिसिस में आसानी होगी, मंत्रालयों तक पहुंचाने के लिये मात्र एक क्ल‍िक करना होगा, न कि पियोन को दफ्तर तक जाकर फाइल पहुंचानी होगी।

यही नहीं सारी सूचनाएं जब कंप्यूटर पर उपलब्ध होंगी, तब काम जल्दी होंगे और सरकार को खुद का आंकलन करने में भी आसानी होगी।

इन सभी बातों का सिर्फ यह मतलब नहीं है कि ई-गवरनेंस के अंतर्गत सभी सूचनाओं और फाइलों का ई-वर्जन क्रिएट कर दिया जायेगा। या फिर अगर आप यह सोच रहे हैं कि ई-गवरनेंस का मतलब टेलीकॉम और आईटी का महज इस्तेमाल भर है, तो आप गलत हैं। इसके अंतर्गत तमाम प्रकार के टूल्स बनाने की भी जरूरत पड़ेगी।

सरकारी कर्मचारियों को ट्रेनिंग

सरकार को ऐसे कोर्स विकसित करने पड़ेंगे, जो स्कूल-कॉलेज के छात्रों के लिये हों, बल्क‍ि राज्य व केंद्र सरकारों के कर्मचारियों को भी कोर्स कराने होंगे, ताकि वो कंप्यूटर पर पारंगत रूप से काम कर सकें।

मोदी सरकार का मकसद है कि अगले 2 साल के भीतर 45 वर्ष की आयु से कम के अध‍िकारी व कर्मचारियों को पूरी तरह ई-शस्त्र में पारंगत कर दिया जाये।

अभी तक दी पश्च‍िमी देशों को सेवाएं अब दीजिये देश को

हम सभी जानते हैं कि भारत के आईटी सेक्टर में सफलता का कारण था लो-कॉस्ट पर मैनपावर जैनरेट करना। इससे तमाम पश्च‍िमी व यूरोपीय देशों को भारत ने अपनी सेवाएं दीं। अब देश का आईटी सेक्टर नया मोड़ लेने जा रहा है।

अभी तक हमारे आईटी हब तमाम देशों को अपनी सेवाएं प्रदान करते रहे हैं, अब अपने देश के लिये करने का वक्त है। जी हां देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का लक्ष्य। अगले चार से पांच साल में सरकार को जब लो-कॉस्ट सेवाएं मिलेंगी, तो तमाम खर्चों में कमी आयेगी और पैसा विकास कार्यों में ज्यादा लगेगा। अंतत: देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

सरकार के इस ब्रह्मस्त्र को सफल बनाने में सबसे बड़ा योगदान होगा देश के 850 मिलियन मोबाल उपभोक्ताओं, 220 मिलियन इंटरनेट उपभोक्तओं और 100 मिलियन लोग जो सोशल मीडिया में सक्रिय हैं।

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English summary
Rajya Sabha MP Rajeev Chandrasekhar has said that E-tech will help NJP government to fulfill the dreams of Prime Minister Narendra Modi.
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