#DuteeChand: क्रिकेट के ग़म में भारतीय दुती चंद की ये शानदार जीत क्यों भूले?
इससे पहली भी दुती ने एक लंबी और मुश्किल लड़ाई लड़ी है. साल 2014 में उन्हें आख़िरी पलों में कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने से रोक दिया गया. वजह थी- हाइपरएंड्रोजेनिज़्म. हाइपरएंड्रोजेनिज़्म उस अवस्था को कहते हैं जब किसी लड़की या महिला में पुरुष हॉर्मोन्स (टेस्टोस्टेरॉन) का स्तर एक तय सीमा से ज़्यादा हो जाता है.
9 जुलाई, मंगलवार.
"मैंने गोल्ड मेडल जीत लिया है."
10 जुलाई, बुधवार की शाम.
"ओह शि*! रोहित आउट! कोहली आउट!!"
भारतीयों की निगाहें टीवी से इधर-उधर नहीं जा रही थीं. भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच क्रिकेट वर्ल्ड कप के सेमी-फ़ाइनल का मैच चल रहा था और मैच ऐसा कि सांसें अटकी हुई थीं. जैस-जैसे एक करके खिलाड़ी आउट होते, लोगों की टेंशन बढ़ती जाती.
आख़िर हुआ वही, जिसका डर था. भारत न्यूज़ीलैंड से हारकर सेमी फ़ाइनल से बाहर हो गया. इसके बाद हर जगह दुख और निराशा का माहौल दिखा. सोशल मीडिया पर लोग अपने दुख, ग़ुस्से और क्रिकेट की जानकारी का इज़हार करते नज़र आए.
कोई धोनी को दोष दे रहा था कोई कोहली को. ये सिलसिला अब भी थमा नहीं है.
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अब लौटते हैं 9 जुलाई पर, जहां से हमने शुरुआत की थी. ये ट्वीट भारत की स्टार स्प्रिंटर दुती चंद ने किया था.
दुती ने ये ट्वीट इटली में चल रहे वर्ल्ड यूनिवर्सियाड में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचने के बाद किया था. उन्होंने 11.32 सेकेंड में 100 मीटर की दौड़ पूरी की और स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया.
🏅 Picked it up! pic.twitter.com/Qwci6Uz5Yr
— Dutee Chand (@DuteeChand) 9 July 2019
भारत की रिकॉर्ड होल्डर दुती यूनिवर्सियाड में ट्रैक ऐंड फ़ील्ड में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं, यानी उनसे पहले ये क़ामयाबी किसी और भारतीय महिला खिलाड़ी को नहीं मिली है.
इतना ही नहीं, पुरुष वर्ग में भी अब तक सिर्फ़ एक भारतीय को ही ये सफलता हासिल हुई है. साल 2015 में भारतीय एथलीट इंदरजीत सिंह ने शॉटपुट में गोल्ड जीता था.
कुल मिलाकर देखें तो हिमा दास का बाद दुती ऐसी दूसरी भारतीय महिला एथलीट हैं जिसने किसी भी वैश्विक टूर्नामेंट में गोल्ड जीता है. भारत की हिमा दास ने पिछले साल वर्ल्ड जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर की रेस में स्वर्ण पदक जीता थी.
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I've been passionately following since my childhood but it never came. Finally, for the first time, a gold for India! Congratulations @DuteeChand for winning the 100m sprint at the Universiade, the World University Games, in Naples🇮🇳 pic.twitter.com/Rh4phsKCEI
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) 10 July 2019
क्रिकेट के ग़म में दुती की जीत गुमनाम
इन सारे रिकॉर्ड्स को देखें तो पता चलता है कि दुती चंद की ये उपलब्धि कितनी शानदार है. मगर भारतीय शायद क्रिकेट वर्ल्ड कप के सेमीफ़ाइनल में अपनी टीम के हारने से इतने दुखी थे दुती की ये जीत उन्हें दिखी ही नहीं.
ये स्थिति तब थी जब दुती ने ट्विटर पर ख़ुद अपनी तस्वीर शेयर की थी और लिखा था, "आप मुझे जीतना पीछे खींचेंगे, मैं उतनी ही मज़बूती से वापसी करूंगी."
ये उपेक्षा तब थी, जब यूनिवर्सियाड को ओलंपिक के बाद दुनिया का सबसे बड़ा टूर्नामेंट माना जाता है और इसमें 150 देशों के प्रतिभागी शामिल होते हैं.
स्विटजरलैंड की डेल पेंट दूसरे और जर्मनी की क्वायाई इस रेस में दूसरे स्थान पर रहीं. दुती ने उनकी तस्वीरें भी अपने ट्विटर हैंडल से शेयर कीं.
Pull me down, I will come back stronger! pic.twitter.com/PHO86ZrExl
— Dutee Chand (@DuteeChand) 9 July 2019
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और खेल मंत्री किरेन रिजिजू का ध्यान ज़रूर दुती चंद की ओर गया.
दो दिन बीतने के बाद धीरे-धीरे लोगों की नज़र भी अब दुती की जीत की तरफ़ जा रही है सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है- All is not lost यानी सब खोया नहीं हैं.
मगर फिर भी ये कड़वी सच्चाई बरकरार रहेगी कि दुती की ख़ूबसूरत जीत का उस उत्साह से स्वागत नहीं गिया, जैसा होना चाहिए था.
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लड़ाई सिर्फ़ ट्रैक पर नहीं...
ये वही दुती चंद हैं, जिन्होंने कुछ वक़्त पहले अपने समलैंगिक होने और एक लड़की के साथ रिश्ते में होने की बात सार्वजनिक तौर पर स्वीकार की थी.
दुती ऐसी पहली भारतीय एथलीट हैं जिसने अपनी सेक्शुअलटी के बारे में सार्वजनिक तौर पर बात की है. इसके लिए उनकी भारत से लेकर दुनिया भर में तारीफ़ हुई थी.
ओडिशा के एक गाँव और ग़रीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली लड़की से लिए अपनी निजी ज़िंदगी के बारे में इस तरह खुलकर बोलने वाली दुती समलैंगिक अधिकारों का मुखर समर्थन किया.
इससे पहली भी दुती ने एक लंबी और मुश्किल लड़ाई लड़ी है. साल 2014 में उन्हें आख़िरी पलों में कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने से रोक दिया गया. वजह थी- हाइपरएंड्रोजेनिज़्म. हाइपरएंड्रोजेनिज़्म उस अवस्था को कहते हैं जब किसी लड़की या महिला में पुरुष हॉर्मोन्स (टेस्टोस्टेरॉन) का स्तर एक तय सीमा से ज़्यादा हो जाता है.
'हाइपरएंड्रोजेनिज़्म पॉलिसी' का हवाला देकर दुती को कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में हिस्सा लेने से रोक दिया गया था. कहा गया कि अगर दुती टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगी तो ये बाकी महिला प्रतिभागियों के साथ नाइंसाफ़ी होगी.
इन सबके बावजूद दुती ने अपनी लड़ाई जारी रखी और साल 2015 में नियम बदल दिए गए और दुती ने एक बार फिर ज़ोर-शोर से वापसी की.