Dusshera 2020: कोरोना महामारी की जंग के बीच आज देश में मनाया जा रहा है दशहरा
Dusshera 2020: कोरोना महामारी की जंग के बीच आज देश में मनाया जा रहा है दशहरा
नई दिल्ली: Vijayadashami Dussehra 2020: नवरात्रि के नौ दिन के बाज समापन के रूप में आज देश में विजयादशमी (Vijayadashami) मनाया जा रहा है। विजयदशमी, जिसे दशहरे (Dussehra) के रूप में भी जाना जाता है, अजेय भैंस राजा महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का प्रतीक है दशहरा। दशहरा यानी विजय दशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। कोरोना काल में दुर्गा पूजा और दशहरा का स्वरूप बदल गया है। अब पूजा पंडालों के पास ना ही मेले लगे हैं और ना ही रावण दहन की भव्य तैयारी हुई। लेकिन कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लोगों की धार्मिक आस्था में कोई बदलाव नहीं हुआ है। कोरोना काल में भी दशहरा का नौवमी व दशमी की पूजा को लेकर श्रद्धालु उत्साह व उमंग से भरे हुए हैं। 25 अक्टूबर को आज आधे दिन नवमी और आधे दिन के बाद विजयादशमी मनाया जाएगा।
दशहरा को विजयादशमी भी कहा जाता है और इसे लेकर दो धार्मिक मान्यताएं हैं। एक जिसमें मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था और भगवान राम ने रावण का वध किया था। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दीवाली से ठीक 20 दिन पहले मनाया जाता है। उत्तरी भारत में इस दिन को भगवान राम द्वारा राक्षस रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। दशहरे के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं।
नवरात्रि के नौ दिनों के उत्सवों में रामलीला और रामायण का पाठ किया जाता है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक मंदिर है, जो दशानन रावण को समर्पित है। यह भारत भर में रावण को समर्पित एकमात्र मंदिर है। इस इलाके के लोग दशहरा के दिन दशानन को याद करते हैं।
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पश्चिम बंगाल राज्य या सामान्य रूप से किसी भी बंगाली के लिए ये पर्व सबसे ज्यादा खास होता है। बंगाल में ये पूचा नवरात्री के पांचवे दिन से चलने लगती है। पंडालों में भव्य आयोजन होते हैं। बंगाल में विजयादशमी को 'सिंदूर खेला' होता है। जिसमें महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं।
इसी तरह, दक्षिण भारत में भी विजयदशमी बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। इन भागों में देवी दुर्गा को चामुंडेश्वरी भी कहा जाता है। कर्नाटक के मैसूरु शहर में पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।