किसान आंदोलन के बीच PM Modi से मिले दुष्यंत चौटाला, क्या गठबंधन पर छाया है संकट ?
नई दिल्ली: किसान आंदोलन के बीच हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मुलाकात की है। यह मुलाकात ऐसे वक्त में हो रही है, जब सुप्रीम कोर्ट की दखल के बावजूद कृषि कानूनों के खिलाफ 6 हफ्तों से जारी किसानों का विरोध थमा नहीं है और इसको लेकर हरियाणा में भाजपा-जननायक जनता पार्टी गठबंधन सरकार में दरार पैदा होने की अफवाहें उड़ने लगी हैं। चौटाला जेजेपी (JJP) के नेता हैं, जिस पार्टी के समर्थन से हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP)सरकार सत्ता में है। कहा जा रहा है कि जेजेपी के कई विधायकों पर प्रदर्शनकारी किसानों का भारी दबाव है।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चौटाला और प्रधानमंत्री के बीच कृषि कानूनों और किसान आंदोलनों से पैदा हुई स्थिति पर चर्चा हुई है। इस दौरान हरियाणा में टेक्सटाइल हब, ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर और रेल मार्गों को लेकर भी बातचीत होने की उम्मीद जताई गई है। गौरतलब है कि मंगलवार को दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। यह मुलाकात सुप्रीम कोर्ट की ओर से कृषि कानूनों पर रोक लगाने और चार सदस्यीय पैनल गठित करने के फैसले के कुछ ही घंटे बाद हुई थी, जो कि पहले से ही निर्धारित थी। इस बैठक के बाद खट्टर ने कहा था, 'हरियाणा किसान आंदोलन का केंद्र है, इसलिए हम कानून और व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा हालत पर चर्चा करने आए थे।' इस दौरान चौटाला ने कहा, 'हमारी सरकार अपना पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। हरियाणा सरकार को कोई खतरा नहीं है।'
चौटाला ने यह भी उम्मीद जताई थी कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कमिटी बना दी है तो आशा है कि इस मुद्दे का समाधान जल्द हो जाना चाहिए। गृहमंत्री से मुलाकात से पहले चौटाला ने दिल्ली स्थित अपने फार्म हाउस में अपने पार्टी के विधायकों से भी मुलाकात की थी, जिस दौरान कुछ विधायकों ने उनसे कहा था कि अगर कृषि कानून वापस नहीं लिया जाता तो सत्ताधारी गठबंधन को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उधर खट्टर ने कहा था कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कमिटी गठित कर दी है तो किसानों को अपना आंदोलन अब रोक देना चाहिए।
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के समर्थन के लिए खट्टर किसान आंदोलनकारियों के एक वर्ग के निशाने पर रहे हैं। रविवार को करनाल में जहां वे किसान महापंचायत करने वाले थे, उसे प्रदर्शनकारियों ने तहस-नहस कर दिया था। बाद में खट्टर ने इसके पीछे कांग्रेस और लेफ्ट की साजिश बताई थी। बता दें कि किसान आंदोलन के चलते हरियाणा की सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद के समाधान के लिए फिलहाल तीनों कृषि कानूनों की बहाली पर रोक लगा दी है और इसपर सुझाव देने के लिए कृषि विशेषज्ञों की चार-सदस्यीय टीम गठित की है। लेकिन, किसान कानूनों के अमल पर रोक से तो खुश हैं, लेकिन पैनल गठन को लेकर सहमत नहीं हैं और अभी भी कानून वापस नहीं लिए जाने तक दिल्ली की सीमाओं पर धरना जारी रखने का ऐलान कर चुके हैं।