कोरोना-लॉकडाउन की वजह से अब यूं बदलने लगी हैं रेंट एग्रीमेंट की शर्तें, आगे से संभल जाएं
नई दिल्ली- लॉकडाउन के दौरान किराए को लेकर हो रहे विवादों के चलते रेंट एग्रीमेंट की शर्तें बदलनी शुरू हो गई हैं। देशभर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें लॉकडाउन की अवधि के दौरान प्रॉपर्टी ओनर और किराएदारों के बीच किराए को लेकर विवाद हो रहा है। ये विवाद कॉमर्शियल और आवासीय दोनों तरह की प्रॉपर्टी को लेकर हो रहा है। यही वजह है कि अब नई रेंट एग्रीमेंट में खासकर मकान मालिकों की ओर से कुछ नई शर्तें जुड़वाई जाने लगी हैं। वकील अब जो रेंट एग्रीमेंट बना रहे हैं उसमें ये शर्तें शामिल की जा रही हैं कि अगर लॉकडाउन होता है या किसी महामारी की वजह से विशेष परिस्थितियां पैदा होती हैं तब या तो किराए में कोई रियायत नहीं दी जाएगी या दोनों पक्षों की रजामंदी से किराए का कुछ हिस्सा या तो माफ कर दिया जाएगा या उसे देने की कुछ मियाद बढ़ा दी जाएगी।
लॉकडाउन की वजह से बदल रही हैं रेंट एग्रीमेंट की शर्तें
नई शर्तों वाली रेंट एग्रीमेंट आवासीय और व्यापसायिक दोनों तरह की प्रॉर्टीज के लिए करवाए जा रहे हैं। सच्चाई ये है कि बदले हालात में मकान मालिक और किराएदार दोनों इस मामले में स्पष्टता चाहते है ताकि अगर फिर कभी लॉकडाउन जैसी परिस्थियां पैदा हो जाएं जो किसी के काबू से बाहर हों तो इसको लेकर विवाद न शुरू हो जाए। दरअसल, 25 मार्च से जो तकरीबन ढाई महीने तक लॉकडाउन रहा, उस अवधि में कई मकान मालिकों का किराएदारों पर काफी बकाया हो गया। बिजनेस, रोजगार ठप होने से किराएदारों के लिए रेंट देना असंभव हो गया, जबकि कई मामलों में किराए के भरोसे रहने वाले मकान मालिकों की ओर से लगातार दबाव बनाया जाता रहा। जिसके चलते मामला अदालतों तक पहुंच गया और आपसी मनमुटाव हुआ सो अलग। मुंबई में एक बड़े इंटरनेशनल प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक नई एग्रीमेंट के लिए क्लाइंट अब लॉकडाउन क्लाउज सबसे पहले मांग रहे हैं। वो चाहते हैं कि लॉकडाउन जैसी परिस्थितियों के लिए उनके पास कोई स्पषट कानूनी आधार रहे, ताकि इसके चलते कोई लफड़ा न हो।
Recommended Video
लॉकडाउन क्लाइज वाले रेंट एग्रीमेंट की मांग
प्रकाश रोहिरा नाम के एक वकील ने मीडिया वालों को बताया कि उन्होंने अबतक कम से कम 10 ऐसे संशोधित ऐग्रीमेंट तैयार करवाए हैं, जिसमें लॉकडाउन/ महामारी जैसे क्लाउज लगाए गए हैं। इनमें से 8 कॉमर्शियल थे और 2 आवासीय। उन्होंने एक खास बात ये बताई कि कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज के मामलों में मालिक किराया माफी का ऑफर देने को तैयार भी हो जाते हैं, लेकिन आवासीय प्रॉपर्टी में मकान मालिक एग्रीमेंट में इस बात की पूरी स्पष्टता चाहते हैं कि किसी भी सूरत में किराया माफ नहीं किया जाएगा।
मकान मालिक-किराएदार सभी चाह रहे हैं विवाद से छुटकारा
जबकि, एक और वकील की मानें तो उनके पास रेंट एग्रीमेंट के लिए ज्यादातर किराएदारों की ओर से आवेदन आए हैं, जिसमें लॉकडाउन और महामारी की शर्तों को प्रमुखता से शामिल करने की मांग होती है। उनके मुताबिक यह दोनों पार्टियों की आपसी समझ पर निर्भर है कि वह किस तरह की शर्तें रखना चाहते हैं। जबकि, बॉम्बे हाई कोर्ट के एक वकील ने कहा कि 'लॉकडाउन ने रियल एस्टेट के रेंटल बिजनेस में दिक्कत पैदा कर दिया है। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि प्रॉपर्टी मालिक और किराएगार दोनों अब इससे बचाव चाहते हैं और उपाय यही है कि ऐग्रीमेंट में लागू किए जाने लायक क्लाउज जोड़ी जाए।'