5 महीने से DU के 12 कॉलेज के कर्मचारियों को नहीं मिली सैलरी, दिल्ली सरकार के खिलाफ शिक्षकों ने खोला मोर्चा
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों के कर्मचारियों को पिछले 5 महीने से सैलरी नहीं मिली है। बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) द्वारा तीन दिवसीय हड़ताल का पहला दिन था। डूटा ने 16 से 18 सितंबर तक हड़ताल का आह्वान किया है।
डूटा ने विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों से 16, 17 एवं 18 सितंबर को हड़ताल में शामिल होने की अपील की है। डूटा के उपाध्यक्ष आलोक रंजन पांडेय ने कहा, 'सरकार ने कुछ कॉलेजों के लिए धनराशि जारी की है, लेकिन वह अपर्याप्त है, इसलिए शिक्षक संघ ने हड़ताल का फैसला किया है। हमारी मांग है कि दिल्ली सरकार शिक्षकों की पीड़ा समझे और अनुदान जारी करे। अब ऐसी स्थिति आ गई है कि बिना वेतन या पेंशन के कर्मचारी अपनी आजीविका चलाने में परेशानी आ रही है।
डूटा ने कहा कि, आजीविका के अपने मूल अधिकार पर हमले को विफल करने के लिए कानूनी सहारा लिया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षकों ने मंगलवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अपील की है कि वह कॉलेजों को बीते चार महीने का उनका वेतन देने का निर्देश दे। याचिका में कहा गया है कि इन शिक्षकों के अलावा अन्य शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को भी मई, जून, जुलाई और अगस्त का वेतन नहीं मिला है। डूटा ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखा है कि वह उसके द्वारा वित्तपोषित डीयू के 12 कॉलेजों के 1,500 कर्मचारियों के वेतन के भुगतान के लिए फंड जारी करे।
दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध तथा आप सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित 12 कॉलेजों में आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कॉलेज, इंदिरा गांधी शारीरिक शिक्षा एवं खेल विज्ञान संस्थान, केशव महाविद्यालय, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन,भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ अप्लायड साइंस, भगिनी निवेदिता कॉलेज, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज, अदिति महाविद्यालय महिला कॉलेज, शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ अप्लायड साइंस फॉर वीमेन और शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज शामिल हैं।
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