भीमा-कोरेगांव हिंसाः नोएडा में रहने वाले डीयू प्रोफेसर के घर छापेमारी
नोएडा। भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली यूनिवर्टिसी के एक प्रोफेसर के नोएडा स्थित घर पर छापेमारी की है। पुलिस टीम ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हनी बाबू एमटी के घर की तलाश ली। इस दौरान पुलिस ने हनी बाबू के कब्जे से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया है। हालांकि, हनी बाबू को गिरफ्तार नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि, पुलिसकर्मियों ने नक्सलियों से संबंध होने के संदेह पर यह छापेमारी की है।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह 6 बजे पुणे पुलिस के 12 से अधिक अधिकारी नोएडा सेक्टर-78 स्थित उनके घर पहुंचे और करीब 6 घंटे तक उनके घर की तलाशी ली। इस समय बाबू के साथ घर पर उनकी पत्नी जेनी रोवेना, जो डीयू के मिरांडा हाउस कॉलेज में पढ़ाती हैं, और उनकी बच्ची भी मौजूद थे। पुलिस की इस छापेमारी से इलाके में हड़कंप मच गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां बताया कि प्रोफेसर के कथित माओवादी संपर्कों (अर्बन नक्सल) को लेकर छापेमारी की गई।
द वायर को दिए इंटरव्यू में हनी बाबू ने बताया कि, इस तलाशी के दौरान उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया और ना किसी से संपर्क करने दिया गया। बाबू ने दावा किया है कि, पुलिस के पास छापामारी का कोई भी वारंट नहीं था। उन्होंने बताया कि, सुबह करीब 8 बजे मेरे घर का दरवाजा खटखटाया था। वे भीमा कोरेगांव मामले के बारे में कुछ पूछताछ करना चाहते हैं। उन्होंने मेरा लैपटॉप, मोबाइल फोन, जीएन साईबाबा डिफेंस कमेटी द्वारा प्रकाशित दो बुकलेट और दो किताबें जब्त किए हैं।
इस छापेमारी की कार्रवाई की पुष्टि करते हुए सहायक पुलिस आयुक्त शिवाजी पवार ने कहा कि उनके द्वारा कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है। पवार ने कहा कि हमने पुणे के विश्रामबाग पुलिस थाने में दर्ज एल्गार परिषद से संबंधित मामले के सिलसिले में नोएडा स्थित प्रोफेसर के घर पर छापा मारा। गौरतलब है कि 2018 में भीमा-कोरेगांव में हिंसा भड़क गई थी और पुलिस को इसके पीछे नक्सलियों के होने का शक है जिसके चलते कई लोगों के घर पर छापेमारी हो चुकी है, वहीं पूर्व में कई लोगों को उनके घर में ही नजरबंद किया जा चुका है।
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