भगौड़े नीरव मोदी को बैंको के 7,200 करोड़ रुपये चुकाने के आदेश
पुणे: शनिवार को डेट रिकवरी ट्राइब्यूनल(डीआरटी) ने भगौड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को पंजाब नेशनल बैंक और बैंको के समूह के 7,200 करोड़ रुपये ब्याज के साथ चुकाने के आदेश दिया है। नीरव मोदी फिलहाल लंदन की जेल में बंद है। 48 साल का नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक के साथ 14000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी और मनी लॉड्रिंग केस का मुख्य आरोपी है।
नीरव मोदी को 7200 करोड़ चुकाने के आदेश
पीएनबी देश का पहला बैंक था जिसने पिछले साल जुलाई में डीआरटी से संपर्क किया था। पीएनबी ने भगौड़े नीरव मोदी से रिकवरी के तौर पर 7,000 करोड़ रुपये वसूलने की बात कही थी। वहीं बैंकों के समूह ने बाद में बाद में डीआरटी में एप्लिकेशन डाली थी। उन्होंने नीरव मोदी से 200 करोड़ रुपये वसूलने की बात कही थी। डीआरटी ने इस मामले में रिकवरी सर्टिफिकेट्स जारी कर दिए हैं जिसके आधार पर बैंक के रिकवरी ऑफिसर जरूरत पड़ने पर नीरव मोदी की संपत्ति अटैच कर सकते हैं। इस मामले की सुनवाई पुणे में हुई जहां डीआरटी सदस्य अतिरिक्त भूमिका निभाते हैं क्योंकि मुंबई में कोई डीआरटी का सदस्य नहीं है।
नीरव मोदी की संपति फ्रीज
डीआरटी के आदेश के बाद पीएनबी के वसूली अधिकारी जरूरत पड़ने पर मोदी की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं, हालांकि मोदी की अधिकतर संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जब्त की जा चुकी है। इस मामले की सुनवाई पुणे में हुई, जहां ऋण वसूली अधिकरण के पीठासीन अधिकारी दीपक ठक्कर ने आदेश पारित किया। ठक्कर के पास मुंबई का भी अतिरिक्त प्रभार है।
क्या है मामला
नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक से करीब दो अरब डॉलर तक की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी है। 31 जनवरी 2018 को इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद सीबीआई ने नीरव मोदी की तलाश शुरू की थी, मगर वह लंदन भाग गया। नीरव मोदी ने मुकदमा दर्ज होने से पहले ही दिसंबर 2017 में देश छोड़ दिया था।
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