देश में पहली बार ड्रोन से अस्पताल पहुंचा ब्लड सैंपल, 18 मिनट में तय की 30 किमी की दूरी
देहरादून: उत्तराखंड के टिहरी जिले के एक दुर्गम क्षेत्र से ड्रोन के जरिए 30 किलोमीटर दूर एक अस्पताल में ब्लड सैंपल पहुंचाया गया है। प्रयोग सफल होने के बाद, यह भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक बड़ा कदम बन सकता है। दरअसल ड्रोन के जरिए नंदगांव के एक जिला अस्पताल से टिहरी के अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ब्लड सैंपल भेजा गया। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार ड्रोन ने नंदगांव और टिहरी के बीच लगभग 18 मिनट में 30 किमी दूरी तय किया।
100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरन में सक्षम
इस हिसाब से देखे तो ड्रोन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम है। टिहरी अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि यह एक सफल परीक्षण था। अस्पताल किमी दूर था, लेकिन रक्त 18 मिनट के भीतर पहुंचाया गया। ऐसे में यह क्षेत्र के रोगियों के लिए मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयोग सुदूर क्षेत्रों में रक्त की आपूर्ति को अनुकूल बनाने के तरीकों की खोज को ध्यान में रख कर किया गया है।
रक्त के सैंपल को 18 मिनट में पहुंचा दिया अस्पताल
मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) ने 18 मिनट में रक्त के नमूने को पहुंचाया, जिसे सड़क के जरिए ले जाया जाता तो 60 से 80 मिनट तक का समय लग सकता था। यह ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ा वरदान साबित हो सकता है जहां पर उचित सड़कों औरर चिकित्सा सुविधाओं की कमी है। द टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए टिहरी में बुराड़ी जिला अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि यह पहल टिहरी गढ़वाल में चल रहे टेली-मेडिसिन प्रोजेक्ट का हिस्सा था।
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यह कंपनी कर रही है ड्रोन का निर्माण
उन्होंने कहा कि ब्लड सैंपल को एक कूल किट में रखा गया था ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वो खराब न हो। उन्होंने आगे कहा कि ड्रोन की विश्वसनीयता की जांच करने के लिए आने वाले हफ्तों में टिहरी में भी इसी तरह के उड़ाने शुरू की जाएंगी। ड्रोन का निर्माण सीडीस्पेस रोबोटिक्स लिमिटेड ने किया था। इस कंपनी के पास IIT के एक पूर्व छात्र निखिल उपाध्याय हैं, जो अगली पीढ़ी के ड्रोन का निर्माण करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार ड्रोन में 500 ग्राम तक का वजन ले जाने की क्षमता है और यह एक बार चार्ज होने पर 50 किमी तक यात्रा कर सकता है।
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