क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

शराब पीना मौलिक अधिकार है या नहीं केरल हाईकोर्ट ने दिया जवाब

केरल सरकार के शराबबंदी को चुनौती देने वाली याचिका को केरल हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि शराब पीना मौलिक अधिकार नहीं।

Google Oneindia News

नई दिल्ली। शराब को लेकर बिहार और गुजरात के बाद अब मद्य प्रदेश ने भी सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। बिहार और गुजरात में पूर्ण शराबबंदी है तो वहीं अब मध्य प्रदेश सरकार ने भी शराब को देकर सख्त नियम लगा दिए हैं। अब केरल उच्च न्यायालय ने शराब को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। केरल की पिछली सरकार के शराब बंदी के फैसले को बरकरार रखते हुए साफ कर दिया है कि शराब पीना मौलिक अधिकार नहीं है।

 To drink or not to drink? Kerala HC says ‘no’ to ‘passion of the pint’

केरल की उच्च न्यायालय इस दलील को भी कारिज कर दिया, जिसमें शराब पीने को मौलिक अधिकार बताया गया था। अनूप एमएस ने केरल सरकार के शराब बंदी के फैसले को चुनौती देते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि शराब पीने पर पाबंदी लगाना नागरिकों के मौलिक अधिकार का हनन है।

शराब पीने वालों का ट्रैक रिकॉर्ड रखेगी शिवराज सरकार

रिपोर्ट के मुताबिक अनूप रबर के पेड़ों से लेटेक्स निकालने का काम करता है। उनसे अपनी यचिका में दलील दी थी कि शराब उसकी रोजमर्रा के खानपान का हिस्सा है। यह उसे तरोताजा, आराम, और शारीरिक रूप से फिट रखता है। लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका का खारिज करते हुए कहा कि पीना है या नहीं पीना है यह अनूप की दुविधा है। कोर्ट ने उनकी दलील का खारिज करते हुए कहा है कि शराब पीना मौलिक अधिकार नहीं है।

Comments
English summary
Upholding the liquor policy adopted by the previous government, the Kerala high court has ruled that consumption of alcohol is not a fundamental right.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X