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DRDO ने अपग्रेड पिनाका रॉकेट का किया सफल परीक्षण, जानें क्या हैं खूबियां

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नई दिल्ली। डीआरडीओ द्वारा विकसित पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से निर्मित पिनाका एमके- I रॉकेट गाइडेड रॉकेट लांच सिस्टम के अपग्रेड संस्करण का ओडिशा के समुद्री तट पर बुधवार को सफल परीक्षण किया गया। इस दौरान परीक्षण के लिए तय किए गए सभी मानक सफलतापूर्वक हासिल किए गए। इस टेस्ट में 6 रॉकेट को एक सीरीज में लॉन्च किया गया। सभी रॉकेट अपना तय लक्ष्य भेदने में सफल रहे।

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 DRDO successfully Pinaka flight tested from Integrated Test Range, Chandipur off coast of Odisha

परीक्षण के दौरान ओडिशा के चांदीपुर के रक्षा क्षेत्र में रडार इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सिस्टम व टेलीमेट्री सिस्टम ने राकेट के पूरे मार्ग की निगरानी की। इस मौके पर रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन तथा अंतरिम परीक्षण परिसर (आईटीआर) से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी व वैज्ञानिक मौजूद थे। पिनाका रॉकेट का उन्नत संस्करण मौजूदा पिनाका एमके- I रॉकेटों की जगह लेगा जो वर्तमान में उत्पादन में है।

सूत्रों के अनुसार पहले के पिनाका में दिशानिर्देशन प्रणाली नहीं थी, उसे अब अपग्रेड कर दिशानिर्देशन प्रणाली से लैस किया गया है। इसे हैदराबाद रिसर्च सेंटर (आरसीआई) ने नौवहन, दिशानिर्देशन एवं नियंत्रण किट विकसित किया था। आरसीआई रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अंतर्गत आता है। डीआरडीओ के सूत्र के अनुसार इस बदलाव से पिनाका की मारक क्षमता और सटीकता बढ़ गयी है।

टाट्रा ट्रक पर स्थापित किए गए पिनाका वैपन सिस्टम के अपग्रेड संस्करण में विशिष्ट गाइडेंस किट लगाई गई है, जो एडवांस नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम से लैस है। इसका नेविगेशन इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (आईआरएनएसएस) के जरिये किया जाता है। पिनाक मूल रूप से मल्‍टी-बैरल रॉकेट सिस्‍टम है। इससे सिर्फ 44 सेकेंड्स में 12 रॉकेट दागे जा सकते हैं।

पिनाक सिस्‍टम की एक बैटरी में छह लॉन्‍च वेहिकल होते हैं, साथ ही लोडर सिस्टम, रडार और लिंक विद नेटवर्क सिस्‍टम और एक कमांड पोस्‍ट होती है। एक बैटरी के जरिए 1x1 किलोमीटर एरिया को पूरी तरह ध्‍वस्‍त किया जा सकता है। मार्क-I की रेंज करीब 40 किलोमीटर है जबकि मार्क-II से 75 किलोमीटर दूर तक निशाना साधा जा सकता है।

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English summary
DRDO successfully Pinaka flight tested from Integrated Test Range, Chandipur off coast of Odisha
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