लालकिले पर PM की सुरक्षा में तैनात था DRDO का खास सिस्टम, बिना गोली चलाए ड्रोन को गिरा सकता है नीचे
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से तिरंगा फहराया। कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल ज्यादा लोग स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में नहीं शामिल हुए, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम पहले से भी कड़े थे। इस दौरान ड्रोन हमले या अनजान ड्रोन से कार्यक्रम को सुरक्षित रखने के लिए डीआरडीओ के एक खास सिस्टम को तैनात किया गया था। जिसका नाम एंटी ड्रोन सिस्टम है।
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छोटे ड्रोन से निपटने में मदद
दरअसल इन दिनों ड्रोन से शूटिंग आम बात हो गई है। सरकार ने ड्रोन उड़ाने को लेकर कई गाइडलाइन्स जारी की हैं, लेकिन उसका पालन ढंग से नहीं होता है। कई बार कम ऊंचाई पर उड़ रहे छोटे-छोटे ड्रोन खतरा भी बन जाते हैं और रडार में इनका आना भी मुश्किल होता है। इस समस्या से निपटने के लिए डीआरडीओ ने एक एंटी ड्रोन सिस्टम तैयार किया है, जो छोटे ड्रोन को ट्रैक करने और उन्हें नीचे गिराने में सुरक्षा एजेंसियों के काम आएगा।
3 किलोमीटर है रेंज
डीआरडीओ के मुताबिक ये सिस्टम सुरक्षा एजेंसियों को ड्रोन की समस्या से निपटने में मदद करेगा। इसकी मदद से जैमिंग कमांड के जरिए ड्रोन्स को नीचे लाया जा सकता है। इसके अलावा लेजर पर आधारित हथियार से ड्रोन्स के इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण को नुकसान पहुंचाया जा सकता है यानी बिना गोली चलाए दुश्मन के ड्रोन का खात्मा हो जाएगा। ये सिस्टम तीन किलोमीटर के दायरे में छोटे ड्रोन्स का पता लगा सकता है। इसके अलावा 1 से 2.5 किलोमीटर के दायरे में ये अपने लेजर हथियार की मदद से ड्रोन्स को निशाना बना सकता है।
सीमा पर भी करेगा मदद
आपको बता दें कि पाकिस्तान इन दिनों सीमा पर नई चाल चल रहा है। उसकी ओर से भारतीय सीमा में रेकी या फिर तस्करी के लिए कई बार छोटे ड्रोन भेजे जाते हैं। कम ऊंचाई पर उड़ने और छोटे साइज के कारण इनका रडार की पकड़ में आना भी मुश्किल होता है। ऐसे में ये सिस्टम सीमा पर सुरक्षाबलों की काफी मदद करेगा। इसके अलावा बड़े कार्यक्रमों में भी सही ढंग से ड्रोन्स की निगरानी हो पाएगी।
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