केंद्र ने पेश की नई हज पॉलिसी, महिलाओं के लिए खास तोहफा
केंद्र सरकार ने शनिवार को नई हज पॉलिसी पेश कर दी। उम्मीद के मुताबिक, नई नीति के तहत 2018-22 में हज यात्रियों को समुद्री मार्ग से भेजने के विकल्प को अपनाने की बात कही गई है। इसके अलावा 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को बिना मेहरम के हज पर जाने की इजाजत देने का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार ने रखा है।
जानकारी के मुताबिक, नई हज पॉलिसी में यह हाजियों के प्रस्थान करने की 21 जगहों को घटाकर 9 किया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, अहमदाबाद, मुंबई , चेन्नै, हैदराबाद, बेंगलुरु और कोच्चि से लोग हज के लिए प्रस्थान कर सकेंगे। इन शहरों में हज भवनों के निर्माण और दूरदराज के इलाकों और इन प्रस्थान स्थलों के बीच संपर्क बेहतर करने का प्रस्ताव भी रखा गया है।
नई हज नीति के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए हज कोटे का प्रावधान उनके यहां की मुस्लिम आबादी के अनुपात में किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर के लिए कोटा 1500 से बढ़ाकर 2000 करने का प्रस्ताव है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि 2018 में हज नई हज नीति के तहत होगा। प्रस्तावित सुविधाओं को देखते हुए यह एक बेहतर नीति है। अब कुल कोटे 70 फीसदी हज यात्री हज समिति के जरिये जाएंगे तो 30 फीसदी निजी टूर ऑपरेटरों के जरिये हज पर जाएंगे।
2012 में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि हज के लिए दी जा रही एयर ट्रैवल सब्सिडी धीरे-धीरे कम की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह ऐसी व्यवस्था बनाए, जिससे 2022 तक सब्सिडी को खत्म किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र ने हज नीति में सुधार के लिए 6 सदस्यों वाली समिति का गठन किया है।