डॉक्टर साई कौस्तुव दासगुप्ता को ग्लोबल 2021-D-30 लिस्ट में मिली जगह, दिव्यांगता को बनाया हथियार
नई दिल्ली, 29 जुलाई। दिव्यांता किसी भी मायने में अभिशाप नहीं है और दिव्यांगजन भी कई क्षेत्र में सफलता की बुलंदियों तक पहुंच सकते हैं और यह डॉक्टर साई कौस्तुव दासगुप्ता ने करके दिखाया है। अमेरिकंस विद डिसेबिलिटी एक्ट (एडीए) जोकि अमेरिका की ग्लोबल संस्था है और यह उन दिव्यांग लोगों को दुनियाभर में एक खास पहचान दिलाती है जिन्होंने अपने क्षेत्र में खास उपलब्धि हासिल की हो। संस्था की 31वीं वर्षगांठ के मौके पर 2021-D-30 डिसेबिलिटी लीडर्स की लिस्ट जारी की गई है जिसमे डॉक्टर साई कौस्तुव ने अपनी जगह बनाई है।
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इस
बीमारी
से
हैं
ग्रसित
दुनिया
के
13
देशों
में
से
कुल
300
लोगों
का
नामांकन
इस
लिस्ट
के
लिए
किया
गया
था,
जिसमे
भारत
के
डॉक्टर
कौस्तुव
दास
का
भी
डी-30
की
लिस्ट
में
चयन
हुआ।
ऐसे
में
इस
लिस्ट
में
चयनित
होकर
कौस्तुव
ने
देशभर
के
दिव्यांगजनों
को
प्रेरित
करने
का
काम
किया
है।
डॉक्टर
साई
कौस्तुव
ऑस्टियोजेनेसिस
इम्परफेक्टा
बीमारी
से
ग्रसित
हैं
जिसमे
शरीर
की
हड्डियां
कमजोर
होती
हैं
जिसकी
वजह
से
शरीर
का
विकास
ठीक
से
नहीं
हो
पाता
है।
लेकिन
बावजूद
इसके
डॉक्टर
कौस्तुव
लाखो
लोगों
को
अपने
काम
के
प्रति
जोश
से
प्रेरित
कर
रहे
हैं।
वह
लोगों
को
प्रेरित
करते
हैं
कि
कुछ
भी
भी
असंभव
नहीं
है।
90
फीसदी
शरीर
बीमारी
से
प्रभावित,
लेकिन
हौसले
100
फीसदी
डॉक्टर
कौस्तुव
का
90
फीसदी
शरीर
ओआई
से
प्रभावित
है,
लेकिन
उन्होंने
बावजूद
इसके
अपना
करियर
नहीं
छोड़ा।
वह
एक
सफल
ग्राफिक
डिजाइनर
हैं,
ग्लोबल
मोटिवेशनल
स्पीकर,
गुडविल
अंबैसडर,
सर्टिफाई
हैप्पिनेस
कोच
हैं।
यही
नहीं
उनके
नाम
लिम्का
बुक
ऑफ
रिकॉर्ड्स
के
अलावा
15
वर्ल्ड
रिकॉर्ड
भी
हैं।
डॉक्टर
साई
कौस्तुव
ने
उन
तमाम
लोगों
के
लिए
प्रेरणा
बनने
का
काम
किया
है
जिन्हें
लगता
है
कि
शारीरिक
बाधा
के
चलते
उनके
दरवाजे
बंद
हो
गए
हैं।
वह
उन
लोगों
के
लिए
प्रेरणा
बन
रहे
हैं
जो
व्हील
चेयर
पर
चलते
हैं।
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अलग-अलग
समुदाय
के
लोगों
को
किया
प्रेरित
अपनी
हैप्पिनेस
कोचिंग
से
डॉक्टर
साई
कौस्तुव
ने
लाखो
लोगों
को
दुनियाभर
में
प्रेरित
किया
है
जिसमे
ग्लोबल
लीडर्स,
स्कॉलर,
डॉक्टर,
छात्र,
कॉर्पोरेट,
एलजीबीटीक्यू
समुदाय
के
लोग,
बस्ती
के
बच्चे,
महिलाएं
आदि
शामिल
हैं।
वह
लोगों
को
प्रेरित
करते
हैं
कि
वह
अपनी
सृजनात्मकता
से
कुछ
भी
हासिल
कर
सकते
हैं।
डॉक्टर
कौस्तुव
ने
अमेरिका,
ऑस्ट्रेलिया,
मलेशिया,
सिंगापुर
जैसे
देशों
में
भी
अलग-अलग
समुदाय
के
लोगों
से
बात
की
है
और
उन्हें
प्रेरित
किया
है।
वह
लोगों
को
बताते
हैं
कि
जिंदगी
की
असली
चाभी
खुशी
और
शांति
है।
भारत
से
2021-D-30
में
डिसेबिलिटी
इम्पैक्ट
लिस्ट
में
चयनित
होने
के
बाद
डॉक्टर
कौस्तुव
यूएन
की
ओर
से
चलाए
जा
रहे
सस्टेनबल
डेवलपमेंट
गोल्स
के
लिए
काम
करेंगे
और
दिव्यांग
लोगों
को
गर्व
के
साथ
आगे
बढ़ने
के
मिशन
को
आगे
बढ़ाएंगे।