मनमोहन vs मोदी की जंग में कूदे कुमार विश्वास, कहा-हमारी भी सुन लेते तो अच्छा था........
नई दिल्ली। इस वक्त सर्द मौसम में भी देश का सियासी पारा काफी गर्म है, जहां तीन राज्यों में चुनावी पताका फहराकर कांग्रेस इतरा रही है वहीं दूसरी ओर भाजपा, कोई मौका नहीं छोड़ रही है पार्टी पर आरोप लगाने का, लोकसभा चुनाव अब नजदीक हैं, ऐसे में देश में इस वक्त मोदी सरकार बनाम मनमोहन सरकार की तुलना हो रही है। भाजपा कांग्रेस पर कुछ काम ना करने का आरोप लगा रही है तो वहीं कांग्रेस, भाजपा पर सब कुछ बर्बाद करने के आरोप मढ़ रही है।
मोदी बनाम मनमोहन सिंह की जंग हुई तेज
यही नहीं इस वक्त प्रधानमंत्रियों के काम करने के तरीके पर भी चर्चा हो रही है, भारतीय जनता पार्टी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन के स्वभाव को लेकर चुटकी लेती रही है, जबकि कांग्रेस इन दिनों बीजेपी पर प्रेस के सवालों का सामना नहीं करने का आरोप लगा रही है।
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'हमारी भी आवाजें आप सुन लेते तो अच्छा था'
इसी कड़ी में कवि कुमार विश्वास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया है, ट्विटर पर उन्होंने एक निजी चैनल की जानकारी को साझा करते हुए लिखा कि'आपकी बातें हजारों बार हमने, हमारी भी आवाजें आप सुन लेते तो अच्छा था'
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करते थे मीडिया से बात....
आइए जानते हैं कि आखिर कुमार विश्वास ने किन मुद्दों पर पीएम मोदी को घेरा है, वो भी तब जब, ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कुमार विश्वास भाजपा में शामिल हो सकते हैं। कुमार विश्वास ने जो ट्वीट किया है उसके मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मुकाबले पीएम मोदी मीडिया के सवालों से बचते हुए नजर आए हैं।
अपने कार्यकाल में मनमोहन सिंह ने 2 बार प्रेस कांफ्रेंस का सामना किया
अपने कार्यकाल में मनमोहन सिंह ने 2 बार प्रेस कांफ्रेंस का सामना किया था तो वहीं पीएम मोदी ने एक बार भी ऐसा नहीं किया, एडिटर कांफ्रेंस में मनमोहन सिंह ने दो बार शिरकत की जबकि पीएम मोदी वहां एक बार भी नहीं गए, विदेशी दौरे पर इंटरनेशनल मीडिया के सवालों का सामना मनमोहन सिंह ने 8 बार किया है जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा एक बार भी नहीं किया है।
'चेंजिंग इंडिया'
मालूम हो कि अपनी किताब 'चेंजिंग इंडिया' के विमोचन पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने भी पीएम मोदी पर हमला बोला था, उन्होंने कहा था कि लोग कहते हैं मैं मौन प्रधानमंत्री था। मैं समझता हूं कि मेरी किताब इस बारे में खुद ही बोलेगी। मैं ऐसा प्रधानमंत्री नहीं था जो प्रेस से बात करने में घबराता हो, मैं लगातार प्रेस से मिलता रहता था और हर विदेश यात्रा के बाद प्रेस कांफ्रेंस करता था।
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