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Donald Trump के बड़बोले, झूठे और विरोधाभासी बयान के पीछे की वजह सुन चौंक जाएंगे आप?

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बेंगलुरू। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 की तैयारी में जुटे हुए हैं और वर्ष 2016 में अमेरिकी जनता से किए वादे को पूरा करने के लिए भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय मुद्दे कश्मीर पर मध्यस्थता को लेकर बयान दर बयान दे रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि बार-बार झूठ बोलने और बयान बदलने को एक मानसिक रोग भी माना जाता है। जी हां, चिकित्सीय टर्म में यह रोग भले ही कहा जाता हो, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के मामले में सच है।

Trump

दरअसल, 27 मनोचिकित्सकों के एक ग्रुप ने विभिन्न परीक्षणों के बाद दुनिया के सबसे ताकतवर देश के मुखिया डोनाल्ड ट्रंप को मानसिक रोगी करार दिया है। मनोचिकित्सक राष्ट्रपति ट्रंप के बयानों और उनके फैसलों पर किए गए परीक्षणों का विश्लेषण करने के बाद उक्त नतीजे पर पहुंचे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के बारे में किया यह खुलासान निःसंदेह हैरान करने वाला है। यह अलग बात है कि ट्रंप अपने बयानों और विरोधाभासी बयानों के लिए मशहूर हैं।

27 मनोचिकित्सकों ने राष्ट्रपति ट्रंप के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े तथ्यों को द डेंजरस केस ऑफ डोनाल्ड ट्रंपः 27 साइकेट्रिक्स एंड मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट एक्सेस अ प्रेसीडेंट नामक बुक में विश्लेषित भी किया है, जिसमें उनके व्यक्तित्व के बारे में भी अध्ययन किया गया है। इस विश्लेषण से खासतौर पर उनके व्यक्तित्व के तीन नकारात्मक पहलू सामने आए हैं। अध्ययन के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप को सोशियोपैथ (यानी समाज के प्रति नैतिक जिम्मेदारी का बोध न होना), नार्सिसिस्टिक (आत्ममुग्ध) बताया गया है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि ट्रंप फैंटेसीलैंड में रहने वाले व्यक्ति हैं।

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वैसे, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर झूठ बोलने का भी आरोप लगता रहता है। याद कीजिए जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में राष्ट्रपति ट्रंप ने कश्मीर पर मध्यस्थता को लेकर झूठ बोलकर भारत समेत पूरे विश्व को चौंका दिया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरे विवाद में घसीटते हुए कहा था कि पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर पर मध्यस्थता के लिए कहा था।

ट्रंप के उक्त बयान को न केवल अमेरिकी विदेश विभाग ने गलत बताया बल्कि बयान जारी कर भारतीय विदेश मंत्री ने खंडन किया। फिर क्या था राष्ट्रपति ट्रंप को कश्मीर मुद्दे पर दिए अपने बयान का खंडन करना पड़ा और कश्मीर मुद्दे को भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय कहना पड़ा गया।

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हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप के उक्त बयान के बाद प्रधानमंत्री मोदी को विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ा और कई दिनों तक प्रधानमंत्री मोदी के सदन में बयान देने के लिए संसद में हंगामा किया गया। कश्मीर पर मध्यस्थता को लेकर दिया गया झूठा बयान राष्ट्रपति ट्रंप के मुंह से निकला पहला झूठ नहीं था, क्योंकि अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक ट्रंप अव्वल दर्जे के झुट्ठे हैं। जी हां, राष्ट्रपति बनने के बाद अपने ढाई साल के कार्यकाल में ही ट्रंप करीब 11 हजार बार झूठा बयान दे चुके थे, जिसमें कश्मीर मुद्दे की तरह गुमराह करने वाले दावे किए गए थे।

दरअसल, वाशिंगटन पोस्ट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के 2 साल पूरे होने पर उनके झूठ बोलने की रिपोर्ट आंकडों के साथ अखबार में प्रकाशित की थी। रिपोर्ट में ट्रंप के झूठे दावों को लेकर विस्तार से विश्लेषण किया था। फैक्ट चेकर कॉलम में छपे आंकड़ों के अनुसार जून तक ट्रंप ने 10,796 बार झूठे और गुमराह करने वाले दावे किए थे। कहा जा सकता है कि कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता पर दिए गए उनके झूठे बयान की फेहरिस्त संभवत 20, 000 झूठ को जरूर पार कर गया होगा।

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राष्ट्रपति ट्रंप के विरोधाभाषी बयानों, झूठ बोलने की आदत और मानसिक रोगी ठहराने वाले तथ्य जो भी हो, लेकिन एक बात तो तय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर मुद्दे को बार-बार उछालकर सियासी खेल जरूर खेल रहे हैं। अमेरिका में वर्ष 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव होना है और राष्ट्रपति दूसरी पारी खेलने के पूरे मूड में हैं।

पिछले चुनाव में राष्ट्रपति चुने गए राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने चुनावी कैंपेन में अफगानिस्तान और सीरिया में तैनात अमेरिकी सैनिकों वापस स्वदेश बुलाने का वादा वहां की जनता से किया था। सीरिया से अमेरिकी सैनिक तो वापस बुला लिए गए, लेकिन तालिबान के साथ अमेरिकी की लड़ाई लंबी खिंच गई, जिससे अभी तक अमेरिकी सैनिकों को घर वापसी नहीं हो पाई है।

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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप जानते हैं कि अगर दोबारा राष्ट्रपति पद के दावेदारी ठोकनी हैं तो जनता से किए गए पुराने वादे को पूरा करना होगा। यही कारण है कि राष्ट्रपति ट्रंप लगातार कश्मीर राग अलाप रहे हैं। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह है कि तालिबान के साथ लड़ाई में फंसे अमेरिकी सैनिक बिना पाकिस्तान की मदद अफगानिस्तान नहीं छोड़ पाएंगे।

सभी जानते हैं कि अफगानिस्तान में तालिबान पाकिस्तान की देन है, जिन पर सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान अंकुश लगा सकता है। यही कारण है कि पाकिस्तान के दवाब में राष्ट्रपति ट्रंप कश्मीर मुद्दे पर लगातार झूठे, बड़बोले और विरोधाभाषी बयान दे रहे हैं।

यह भी पढ़ें-कश्मीर में मध्यस्थता के लिए इसलिए बार-बार राग अलाप रहे हैं राष्ट्रपति ट्रंप

Comments
English summary
USA president Donald Trump infamous for their irresponsible And Falsified statement. Earlier president trump made falsified statement on Kashmir mediation which is only a India-Pakistan bilateral issue
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