अब गौतम को मिली अनुपम खेर की 'गंभीर' नसीहत, कहा-मशहूर होने के जाल में ना फंसे आप...
नई दिल्ली। गुरुग्राम में एक युवक के साथ कथित तौर पर हुई हिंसा पर ट्वीट करने के वजह से दिल्ली से भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद गौतम गंभीर लगातार सुर्खियों में हैं, जहां गंभीर इस मुद्दे पर ट्रोलर्स के निशाना बने हैं, वहीं भाजपा के कुछ नेताओं ने भी गंभीर के बयान पर नारजगी दिखाई है, अब गंभीर के बयान पर प्रतिक्रिया दी है मशहूर एक्टर और चंडीगढ़ से सांसद किरण खेर के पति अनुपम खेर ने, जिन्होंने गौतम गंभीर को लगे हाथों नसीहत भी दे डाली है।
गौतम को मिली अनुपम खेर की 'गंभीर' नसीहत
अनुपम ने ट्वीट कर लिखा है कि प्रिय गौतम गंभीर आपकी जीत के लिए आपको बधाई, एक उत्साही भारतीय होने के नाते मैं इससे बहुत खुश भी हूं, आपने मुझसे कोई नसीहत नहीं मांगी है, लेकिन फिर भी मैं आपसे कहना चाहूंगा कि- मीडिया के एक धड़े में मशहूर होने के जाल में मत फंसिए, अपने काम को बोलने दीजिए, जरूरी नहीं कि बयान दिए जाएं।
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क्या थी गंभीर की प्रतिक्रिया
देश की राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम में कुछ युवकों द्वारा एक मुस्लिम युवक के साथ मारपीट के खिलाफ भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद गौतम गंभीर ने निशाना साधा था, मुस्लिम युवक का कहना था कि उसके साथ टोपी पहनने पर मारपीट की गई, और उससे जबरन 'जय श्रीराम' के नारे लगवाने के लिए दबाव बनाया गया, जिसके बाद गौतम गंभीर ने मामले पर खेद प्रकट करते हुए ट्वीट किया था कि गुरुग्राम में मुस्लिम युवक से टोपी उतारने और 'जय श्रीराम' बोलने के लिए कहा गया, ये निंदनीय है। गुरुग्राम प्रशासन की तरफ से सख्त कार्रवाई की जाए। हम एक धर्म निरपेक्ष देश हैं, जहां जावेद अख्तर 'ओ पालन हारे' लिखते हैं और राकेश ओम प्रकाश मेहरा दिल्ली-6 में अर्जियां।'
आलोचनाओं से घबराता नहीं: गंभीर
आलोचना के शिकार और ट्रोल होने पर गंभीर ने कहा कि वो आलोचकों और ट्रोलर्स से परेशान नहीं होते हैं और उन्होंने कुछ गलत नहीं बोला है, एक खिलाड़ी होने के नाते मुझे आलोचनाओं की आदत है और ना मैं इससे घबराता हूं, मैं हमेशा की तरह काले और सफेद रंग में ही रहना पसंद करूंगा, मुझे कभी ग्रे रंग पसंद नहीं रहा, मेरी आलमारी में भी कभी आपको ग्रे रंग नहीं मिलेगा, मेरे लिए झूठ छिपाने की जगह सच बोलना आसान है और मैं ऐसा बार-बार करने को तैयार हूं।
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CCTV फुटेज में बड़ा खुलासा
वैसे पुलिस की जांच में पाया गया है कि मुस्लिम युवक मोहम्मद बरकत अली के साथ मारपीट ज़रूर हुई थी, लेकिन ना तो उसकी टोपी फेंकी गई और ना ही उसका कुर्ता किसी ने फाड़ा था। इसके पहले, मुस्लिम युवक ने बताया था कि जब वह नमाज पढ़कर आ रहा था तो रास्ते में कुछ लोगों ने उसकी परंपरागत टोपी उतार दी और तमाचा जड़ दिया था और उस पर जय श्री राम बोलने के लिए दवाब डाला जा रहा था, युवक के इस आरोप के बाद सोमवार को जमकर सियासत होती रही। पुलिस ने इस मामले में 15 लोगों को हिरासत में भी लिया है।