मेरे स्टाफ को हाथ भी मत लगाना.......लोकसभा में स्पीकर ओम बिड़ला की चेतावनी
नई दिल्ली- लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला शुक्रवार को सदन के वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे सांसदों पर काफी नाराज हो गए। दरअसल, प्रश्नकाल के समय कांग्रेस, तृणमूल और डीएमके सांसद प्रदर्शन कर रहे थे। वे नारेबाजी करते हुए वेल में घुस आए थे। तभी स्पीकर ने विपक्षी सांसदों को सख्त चेतावनी दे डाली कि उनके किसी कर्मचारी को कोई हाथ भी न लगाए। शायद स्पीकर को आशंका थी कि आक्रोश में आकर विपक्षी सांसद स्टाफ से उलझ सकते हैं।
विपक्षी सांसदों पर नाराज हुए स्पीकर
विपक्ष लोकसभा में कर्नाटक के सियासी हालात पर चर्चा की मांग कर रहा था। लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने विपक्ष को इस मुद्दे को उठाने की इजाजत नहीं दी। इसी पर कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके के सांसद नारेबाजी करते हुए वेल में घुस आए और प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। शायद स्पीकर को लगा कि विपक्षी सांसदों की हरकत से उनके स्टाफ को दिक्कत हो सकती है। इसी पर उन्होंने विपक्षी सांसदों पर नाराज होते हुए कहा कि 'मेरे स्टाफ को हाथ भी मत लगाना'। अध्यक्ष ने उन्हें अपनी सीटों पर जाने और प्रश्नकाल जारी रखने के लिए कह दिया। लेकिन, वे मानने के लिए तैयार नहीं थे। विपक्षी सांसद 'हमें न्याय चाहिए' और 'तानाशाही नहीं चलेगी' जैसे नारे लगा रहे थे।
स्पीकर बोले शून्यकाल में दूंगा मौका
स्पीकर ओम बिड़ला ने सांसदों से कहा कि सभी सदस्यों ने तय किया था कि सदन में राज्यों के मुद्दे नहीं उठाए जा सकते। उन्होंने कहा, 'आप सभी ने निर्णय लिया था कि राज्य से संबंधित मामलों की चर्चा सदन में नहीं की जा सकती। यह एक राज्य विशेष का मामला है और संवैधानिक पद से संबंधित है।' इसलिए सांसद अपनी सीट पर जाएं। उन्होंने कहा कि इस मसले को राज्य विधानसभा में सुलझाया जाएगा। लेकिन विपक्षी सांसद स्पीकर की नाराजगी के बावजूद सुनने को तैयार नहीं हुए और अपना विरोध जारी रखा। वे 'कर्नाटक में लोकतंत्र बचाओ' के नारे लगाने लगे। स्पीकर ने ये भी कहा कि 'मैंने आपको इस मामले को दो बार उठाने की अनुमति दी है। इसके बावजूद मैं आपको सदन में पेपर रखे जाने जाने के बाद इस पर शून्यकाल के दौरान बोलने का मौका दूंगा।'
टीएमसी सांसद को भी लगाई लताड़
यही नहीं शुक्रवार को बिड़ला के निशाने पर टीएमसी सांसद सुदीप बंधोपाध्याय भी आ गए थे। दरअसल, लोकसभा में टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने केंद्रीय स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन की टिप्पणी पर जवाब देते हुए पश्चिम बंगाल की हेल्थ स्कीम का जिक्र किया। इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आप सदन में बंगाल की मार्केटिंग मत करिए। गौरतलब है कि प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक सवाल के जवाब में हर्षवर्धन ने कहा था कि पश्चिम बंगाल की सरकार ने पहले आयुष्मान भारत योजना को राज्य में लागू किया था, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया।
इसे भी पढ़ें-सांसदों पर पाबंदी: न कमरे में खाना बनाएं और न खाएं, भूख लगे तो कैंटीन जाएं