उत्तर प्रदेश में घरेलू पर्यटन की हैं असीम संभावनाएं, पौराणिक-सांस्कृतिक तीर्थाटन को बढ़ावा देने की जरूरत
नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश में घरेलू पर्यटन के लिए काफी ज्यादा संभावनाएं मौजूद हैं। प्रदेश में जो भी पौराणिक शहर मौजूद हैं, वह धार्मिक या तीर्थ पर्यटन को हमेशा से ही लुभाती रही हैं। लेकिन,कई कारणों से राज्य अब तक पर्यटन के क्षेत्र में अपनी पूरी क्षमता का दोहन नहीं कर सका है। मसलन, आगरा तो हमेशा से ही अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर लोकप्रिय रहा है, लेकिन घरेलू पर्यटकों को प्रदेश की कई और चीजें कहीं ज्यादा अपनी ओर खींचती हैं। पिछले कुछ वर्षों में इन्हीं अवसरों को भुनाने की दिशा में कई तरह की कोशिशें शुरू की गई हैं, जिसके चलते आने वाले वर्षों में इसका असर भी दिखने की पूरी उम्मीद है।
अयोध्या
को
टूरिस्ट
हब
बनाने
की
तैयारी
अयोध्या
में
राम
जन्मभूमि
पर
भव्य
राम
मंदिर
बनने
का
रास्ता
साफ
होने
के
बाद
तय
है
कि
देश
में
धार्मिक
पर्यटकों
के
लिए
अयोध्या
नगरी
आकर्षण
का
प्रमुख
केंद्र
बन
चुकी
है।
पिछले
दो
साल
से
दिवाली
के
मौके
पर
दीपोत्सव
के
भव्य
आयोजनों
से
इसका
प्रचार-प्रसार
पहले
ही
शुरू
हो
चुका
है।
अभी
जब
वहां
तीर्थयात्रियों
के
पहुंचने
के
लिए
कोई
खास
सुविधाएं
नहीं
हैं,
तब
भी
सालाना
करीब
30
लाख
श्रद्धालु
देश
के
विभिन्न
भागों
से
यहां
आते
हैं।
लेकिन,
अब
अयोध्यावासियों
को
लग
रहा
है
कि
पर्यटकों
के
मामले
में
इस
शहर
के
स्वर्णकाल
की
शुरुआत
हो
चुकी
है।
यहां
के
प्रशासन
को
एयरपोर्ट
के
विकास
के
लिए
पहले
ही
400
करोड़
रुपये
का
फंड
मिल
चुका
है,
जिसके
बाद
पूरे
देश
से
यहां
हवाई
कनेक्टिविटी
स्थापित
करने
की
तैयारी
है।
सरयू
किनारे
राम
नगरी
प्रोजेक्ट
के
तहत
भगवान
राम
की
251
मीटर
ऊंची
प्रतिमा
भी
स्थापित
हो
रही
है।
काशी
के
कायापलट
का
इंतजाम
वाराणसी
हमेशा
से
पर्यटकों
को
लुभाता
रहा
है।
हाल
के
वर्षों
में
उसके
सौंदर्यीकरण
और
विकास
के
लिए
बहुत
ज्यादा
काम
हुए
हैं।
इसमें
बाबा
विश्वनाथ
मंदिर
के
आसपास
के
इलाके
का
सौंदर्यीकरण,
गंगा
घाटों
की
सफाई,
यहां
के
रेलवे
स्टेशनों
और
हवाई
अड्डे
का
आधुनिकीकरण,
गंगा
पर
क्रूज
की
सुविधा,
'वंदे
भारत
एक्सप्रेस'
जैसी
इंजनलेस
ट्रेन
की
शुरुआत
और
बिजली
के
तारों
से
मुक्त
शहर
काशी
की
कहानी
खुद
बयां
करती
है।
आज
की
तारीख
में
वाराणसी
में
उड़ानों
की
संख्या
काफी
बढ़
चुकी
है
और
होटलों
के
बड़े-बड़े
ब्रांड
यहां
निवेश
की
कतार
में
हैं।
मथुरा-वृंदावन में तीर्थ पर्यटन का विकास
कुछ महीने पहले ही तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने 4,232 करोड़ रुपये की लागत से विकास के 22 प्रोजेक्ट मंजूर किए हैं। शुरुआत में इस प्रोजेक्ट के तहत गोकुल, नंदगांव, बरसाना, वृंदावन और मथुरा के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जहां मौजूदा से कई गुना घरेलू पर्यटकों के आने की काफी संभावनाएं मौजूद हैं।