इंटरनेट कनेक्शन लेना हो सकता है सस्ता, लाइसेंस फीस में कटौती पर विचार कर रही सरकार
नई दिल्ली। आने वाले दिनों में घरेलू ब्रॉडबैंड सेवा सस्ता हो सकता है, ऐसा इसलिए क्योंकि भारत सरकार घरों में फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए लाइसेंस शुल्क को कम करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। यह एक ऐसा कदम है जिससे एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में इंटरनेट सेवाओं का बड़े स्तर पर विस्तार होगा और इसको लगवाने का खर्च भी कम आएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड सेवाओं पर कथित एजीआर की तहत लिए जाने वाले लाइसेंस फीस को घटाकर 1 रुपए प्रतिवर्ष तक किया जा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार नए प्रस्ताव से देश में घरों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए ब्रॉडबैंड कंपनियों द्वारा अर्जित समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर लाइसेंस शुल्क कम हो जाएगा। इस संबंध में तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया कि अभी एजीआर के 8 फीसदी की दस से घरों में इंटरनेट कनेक्टिविटी पर लगने वाले सालाना लाइसेंस फीस की गणना की जाती है, इस एक वर्ष में 880 करोड़ रुपए होता है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक अभी इस प्रस्ताव को लेकर केंद्र ने सभी संबंधित मंत्रालयों से सुझाव मांगे है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा उपलब्ध कराए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में देश में 1.98 करोड़ से अधिक फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड ग्राहक हैं। अगर सरकार इस प्रस्ताव को पास कर देती है तो इसका सबसे बड़ा लाभ मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड, वोडाफोन-आइडिया और भारती एयरटेल को होगा। बता दें कि जियों ने पिछले साल ही अपनी ब्रॉडबैंड सेवा की शुरूआत की है, वर्तमान में 350 कंपनियां हैं जो घर-घर तक इंटरनेट सेवा पहुंचा रही हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह प्रस्ताव केवल होम ब्रॉडबैंड को सस्ता करने के लिए लाया जा रहा है।
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