कोरोना से मालामाल हुई ये दवा कंपनी, 350 करोड़ टैबलेट बिकीं, हर पर्चे पर था इसका नाम
नई दिल्ली, 22 जनवरी: कोरोना महामारी की वजह से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है, लेकिन दवा इंडस्ट्री की चांदी हो रखी है। कई दवाओं की बिक्री ने पिछले दो सालों में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। उसी में एक दवा का नाम है Dolo 650। ये दवा हर घर में मिल जाएगी, जो बुखार, शरीर दर्द आदि के लिए खाई जाती है। साथ ही कोरोना के मरीज के पर्चे पर ये दवा लिखी मिल जाएगी।
567 करोड़ की बिक्री
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौरान Dolo 650 की मांग काफी बढ़ गई। जिस वजह से इसकी 350 करोड़ गोलियां बिकीं। ये बिक्री करीब 567 करोड़ रुपये की है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इस दवा की मांग देश में कितनी ज्यादा है। फिलहाल Dolo 2021 में सबसे ज्यादा बिकने वाली एंटी-फीवर और एनालजेसिक टैबलेट्स में दूसरे स्थान पर रही।
अप्रैल में 49 करोड़ की बिक्री
हेल्थकेयर रिसर्च फर्म IQVIA की रिसर्च के मुताबिक जब पूरा देश अप्रैल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में था, तो Dolo की मांग ज्यादा थी। उस दौरान सिर्फ अप्रैल में ही 49 करोड़ की गोलियां बिक गईं। रिपोर्ट में आगे बताया गया कि Dolo में पैरासिटामोल का इंग्रेडिएंट्स होता है। अगर 2019 में सभी कंपनियों के पैरासिटामोल की बिक्री की बात करें, तो ये 530 करोड़ रुपये थी, जबकि बीते साल आंकड़ा 924 करोड़ पहुंच गया।
ये कंपनी बनाती है Dolo
आपको बता दें कि जी.सी. सुराणा ने 1973 में माइक्रो लैब्स लिमिटेड नाम की कंपनी स्थापित की थी, जो Dolo 650 बनाती है। इसमें पैरासिटामोल रहता है, जो बुखार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मौजूदा वक्त में इस कंपनी में 9200 कर्मचारी हैं, जबकि इसका सालाना का टर्नओवर 2700 करोड़ रुपये का है। इसमें से लगभग 920 करोड़ रुपये की दवा कंपनी एक्सपोर्ट करती है।
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