अब जम्मू को अलग राज्य बनाने की उठने लगी आवाज, इस संगठन ने मोदी सरकार से की मांग
नई दिल्ली। राज्यसभा के बाद लोकसभा में भी जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले आर्टिकल 370 को हटाने का प्रस्ताव पास हो गया था। मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाने के लिए लोकसभा में प्रस्ताव रखा था। इस बिल के पास होने के बाद जम्मू कश्मीर से अलग होकर लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बन गया है जबकि जम्मू कश्मीर भी विधानसभा के साथ अलग केंद्रशासित प्रदेश होगा। वहीं, अब जम्मू को भी कश्मीर से अलग करने की मांग उठने लगी है।
डोगरा लीडर्स ने जम्मू को अलग राज्य बनाने की मांग की
डोगरा समुदाय के एक संगठन ने केंद्र सरकार से जम्मू को कश्मीर से पृथक कर अलग राज्य बनाने की मांग की है। डोगरा स्वाभिमान ने कहा है कि जम्मू को कश्मीर के साथ रखकर केंद्रशासित राज्य बनाने की घोषणा से इलाके के लोग हैरान हैं। इस संगठन के संस्थापक राज्य के पूर्व मंत्री चौधरी लाल सिंह हैं, जिनको गुरुवार को सुबह नजरबंद कर दिया गया है। जम्मू के गांधीनगर स्थित आवास से उनको बाहर निकलने की इजाजत नहीं है।
लाल सिंह को किया गया नजरबंद
लाल सिंह के इस संगठन ने लोगों की आवाजाही पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की है। हालांकि, इस संगठन ने जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर केन्द्रशासित प्रदेश बनाने के केन्द्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने की घोषणा की थी।
लद्दाख को किया गया अलग
संसद के दोनों सदन में बिल के पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने यह घोषणा की। एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 के साथ पठित अनुच्छेद 370 के खंड 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति संसद की सिफारिश पर यह घोषणा करते हैं कि छह अगस्त 2019 से उक्त अनुच्छेद के सभी खंड लागू नहीं होंगे। इसमें ये भी कहा गया कि संविधान के सभी प्रावधान, समय-समय पर, बिना किसी संशोधन या अपवाद के, जम्मू-कश्मीर राज्य पर लागू होंगे।
जम्मू-कश्मीर बना केंद्रशासित प्रदेश
जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले आर्टिकल 370 को हटाने का प्रस्ताव गृहमंत्री अमित शाह लेकर आए थे जिसपर जमकर हंगामा हुआ था। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इसे असंवैधानिक करार दिया था, जबकि अमित शाह ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के बेहतर भविष्य के लिए सरकार ने ये फैसला लिया है। इस बिल के पास होने के बाद जम्मू कश्मीर से अलग होकर लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बन गया है जबकि जम्मू कश्मीर भी विधानसभा के साथ अलग केंद्रशासित प्रदेश होगा।