क्या कोविड वैक्सीन ओमिक्रॉन के खिलाफ काम करती है, जानें डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा?
नई दिल्ली, 08 दिसंबर। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की चपेट में अब तक दुनिया भर के लगभग 30 देश आ चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को एक नया बयान जारी किया। जिसमें डब्लूएचओ ने कहा कि जो गंभीर कोरोना मरीज नए वेरिएंट आमिक्रॉन की चपेट में आए हैं वो मौजूदा टीके उन पर असरदार हैं।
डब्लूएचओ
ने
मौजूदा
कोविड
वैक्सीन
की
प्रभावकारिता
के
बारे
में
आशंकाओं
को
शांत
करने
की
कोशिश
की
है।
डब्ल्यूएचओ
के
एक
शीर्ष
अधिकारी
ने
मंगलवार
को
एएफपी
न्यूज
एजेंसी
को
बताया
कि
यह
मानने
का
कोई
ठोस
कारण
नहीं
है
कि
ओमिक्रोन
पहले
आए
वेरिएंट
की
तुलना
में
अधिक
गंभीर
है,
या
मौजूदा
टीके
इस
नए
वेरिएंट
के
खिलाफ
फेल
हो
जाएंगे।Omicron:क्या
जिन्हें
कोरोना
वैक्सीन
लग
चुकी
है
वो
ओमिक्रॉन
से
पूर्ण
रूप
से
सुरक्षित
हैं?
जानें
डॉ
सुरेश
से
दक्षिण अफ्रीका में पाए गए नए कोरोना वेरिएंट के प्रयोगशाला परीक्षणों के बाद ये सुझाव दिया गया हैं कि आंशिक रूप से फाइजर टीके से बच सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि टीके के एंटीबॉडी ने नए स्ट्रेन को कितनी अच्छी तरह बेअसर कर दिया, इसमें बहुत बड़ी गिरावट थी। लेकिन डब्ल्यूएचओ के डॉ माइक रयान ने कहा कि ऐसा कोई संकेत नहीं है कि ओमिक्रॉन टीकों की प्रभाव को कम कर देगा। उन्होंने कहा हमारे पास अत्यधिक प्रभावी टीके हैं जो गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने वाले सभी प्रकार के मामलों में प्रभावी साबित हुए हैं, और ऐसे में ये कहना कि ये ओमिक्रॉन पर प्रभावी नहीं होगा ये गलत है।
ओमिक्रॉन
बाकी
वेरिएंट
जितना
क्या
है
खतरनाक
डब्ल्यूएचओ
के
इमरजेंसी
निदेशक
डॉ
रयान
ने
कहा
शुरुआती
आंकड़ों
से
पता
चलता
है
कि
ओमिक्रॉन
ने
डेल्टा
और
अन्य
वेरिएंट
की
तुलना
में
लोगों
को
बीमार
नहीं
बनाया।
नए
वेरिएंट
पर
किए
गए
एक
अध्यन
में
पाया
गया
कि
फाइजर/बायोएनटेक
वैक्सीन
के
परिणामस्वरूप
मूल
कोविड
स्ट्रेन
की
तुलना
में
ओमिक्रॉन
के
खिलाफ
40
गुना
कम
न्यूट्रलाइज़िंग
एंटीबॉडी
हो
सकते
हैं।
रिसर्च का नेतृत्व करने वाले अफ्रीका स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के एक वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर एलेक्स सिगल ने कहा ओमिक्रॉन की वैक्सीन एंटीबॉडी से बचने की क्षमता "अपूर्ण" है, । उन्होंने कहा कि 12 लोगों के रक्त परीक्षण के आधार पर परिणाम ओमिक्रॉन से मेरी अपेक्षा से बेहतर थे।