Bihar Assembly Elections:क्या शत्रुघ्न सिन्हा की हार का बदला लेना चाहते हैं लव सिन्हा, भाजपा के गढ़ से हैं कांग्रेस उम्मीदवार
नई दिल्ली- पिता की तरह अभिनेता से राजनेता बने लव सिन्हा ने अपना पहला चुनाव लड़ने के लिए उस सीट और पार्टी को चुना है, जहां से उनके पिता पिछले लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हार चुके हैं। वह पटना के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जो भाजपा का गढ़ माना जाता है और यह उसी पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में है, जहां से पिछले चुनाव में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बीजेपी छोड़ कांग्रेस में गए पूर्व बॉलीवुड स्टार 'बिहारी बाबू' को हराया था। बॉलीवुड में अभिनय की छाप नहीं छोड़ पाने के बाद लव सिन्हा ने करियर बनाने के लिए राजनीति का रास्ता अख्तियार किया है और उनका दावा है कि वह लोगों के लिए लड़ना चाहते हैं, इसलिए बांकीपुर से चुनाव मैदान में उतरे हैं।
पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट पर लव सिन्हा का मुकाबला तीन बार के बीजेपी विधायक नितिन नवीन के साथ है, जिनके पिता नवीन सिन्हा भी अपने निधन से पहले कई टर्म क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में लव सिन्हा ने कहा है कि बांकीपुर से चुनाव लड़ने के लिए सिर्फ उन्होंने ही कांग्रेस को नहीं चुना है, बल्कि कांग्रेस ने भी उन्हें चुना है। उनके मुताबिक, 'कांग्रेस ने देखा है कि जब मेरे पिता बीजेपी के हिस्सा थे तब भी मैंने क्या काम किया है। मैंने यहां 2009 से अपने पिता के साथ काम किया है। मुझे विश्वास है कि पिछले चुनावों में पार्टी ने मेरा काम देखा है और इसलिए मुझे यहां से टिकट दिया है।' उन्होंने आगे कहा कि, 'जहां तक मजबूत और कमजोर (पार्टी) की बात है तो मैं कहना चाहूंगा कि जब मेरे पिता ने शुरू किया था तो संसद में बीजेपी की दो सीटें थीं। यह सिर्फ समय की बात है, जो मजबूत होता है वह कमजोर हो जाता है और जो कमजोर होता है वह मजबूत बन सकता है।'
बीजेपी के गढ़ से चुनाव लड़ने के बारे में 37 साल के युवा कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा कि, 'मुझे लगता है कि मुश्किल लड़ाई आपके उत्साह की परीक्षा लेता है और दुनिया के सामने यह साबित करता है कि सच में आप सक्षम हैं। मैं जीतूं या हारूं यह मेरे हाथ में तो नहीं है।' उनका कहना है कि 'यह बीजेपी का गढ़ है, उनके पास दुनिया में अभी सबकुछ है पैसे की ताकत और संगठन की शक्ति है। क्या इसका मतलब है कि आप चुनाव नहीं लड़ सकते? नहीं, इसका मतलब है कि आप लड़िए और अपना सर्वश्रेष्ठ दीजिए। फैसला जनता करेगी और हमें उनके फैसले को स्वीकार करना पड़ेगा।' हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के मौजूदा विधायक नितिन नवीन के खिलाफ एंटी-इंकंबेंसी होने का भी दावा किया और अपने पिता के चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ने के बावजूद आरोप लगाया कि उन्हें (नितिन नवीन को) यह सीट 'विरासत' में मिली हुई है।
हालांकि, अपने बारे में उनकी दलील है कि अगर उन्हें शत्रुघ्न सिन्हा के चलते टिकट मिलना होता तो विधानसभा चुनाव की जगह लोकसभा के टिकट के लिए चुना जाता। यही नहीं उन्होंने यह भी दावा किया है कि बांकीपुर विधानसभा सीट से लड़ने का उनका मकसद 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने पिता की हार का बदला लेना नहीं है। उनका दावा है कि वह पटना की जनता के कल्याण के लिए इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी से उनके पिता के रिश्ते टूटने को लेकर उनका आरोप है कि 2014 से पहले वह पार्टी अलग थी, लेकिन अब पार्टी के काम करने का तरीका बदल गया है। लव का आरोप है कि, 'मेरी समझ के हिसाब से वहां अब किसी तरह की कोई चर्चा नहीं होती, बीजेपी में अब सिर्फ आदेश दिए जाते हैं।' उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'मेरा मुद्दा कभी भी व्यक्तियों के बारे में नहीं है, यह नीतियों को लेकर है....सत्ताधारी पार्टी के फैसलों के चलते इकोनॉमी तबाह हो गई, जैसे कि नोटबंदी और जीएसटी......जीएसटी को जिस तरह से लागू क्या गया किसी के समझ में नहीं आया।'
यही नहीं, उन्होंने लॉकडाउन को लेकर भी केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि जिस तरह से प्रवासी कामगारों को छोड़ दिया गया और सरकार के पास कोई जवाब नहीं है, कहती है कि डाटा नहीं है तो यह बहुत ही दुखद है, ऐसा नहीं होना चाहिए।
यही नहीं 'सदियां' और 'पलटन' जैसी फिल्मों से बॉलीवुड में फ्लॉप करियर शुरू कर चुके पूर्व अभिनेता का यह भी दावा है कि वहां भी उन्होंने काम के लिए कभी भी पिता की मदद नहीं मांगी। हालांकि, वह मानते हैं कि लोग बॉलीवुड में उन्हें नाकाम मानते हैं, लेकिन वह खुद के बारे में ऐसा नहीं मानते। उनको ऐसा इसलिए लगता है क्योंकि उन्हें कभी भी किसी ने इंडस्ट्री छोड़ने के लिए नहीं कहा है।
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