हार्ट अटैक के बाद डॉक्टर ने किया मृत घोषित, मॉर्चुरी में लाश ने करवट बदली और की उल्टी!
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हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही का चौंका देने वाला मामला सामने आया है। 12 जनवरी को भेल अस्पताल में एक कर्मचारी कृष्ण कुमार को गंभीर अवस्था में लाया गया था। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर, शवगृह में रखवा दिया। लेकिन परिजनों ने अस्पताल पर गंभीर आरोप की मरीज के जिंदा होने बावजूद डॉक्टरों ने शवगृह में रख दिया। वहीं अब पोस्टमार्ट की रिपोर्ट में डॉक्टरों ने बताया है कि मरीज की मौत पोस्टमार्टम के आठ घंटे पहले हुई थी।
मरीज के परिजनों ने शुक्रवार को अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज करवाई है। ज्वालापुर के शास्त्री नगर के रहने वाले कृष्ण कुमार (43) पुत्र रामकिशोर भेल कारखाने में संविदाकर्मी के तौर पर कार्यरत थे। शनिवार की सुबह अचानक सीने में दर्द उठने के बाद उन्हें भेल अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डाक्टरों ने कृष्णकुमार को 12 जनवरी को 11.30 बजे मृत घोषित कर दिया था। 13 जनवरी को डॉक्टरों ने 2 बजे शव का पोर्टमार्टम किया। उनके मुताबिक मरीज की मौत 8 घंटे पहले हुई थी।
इस दौरान डाक्टरों ने दो बार कृष्ण कुमार की ईसीजी भी की। लेकिन, कृष्ण कुमार के शरीर में जीवित होने कोई लक्षण डाक्टरों को नहीं दिखे। इसके बाद कागजी कार्यवाही पूरी होने तक शव लगभग डेढ़ घटे तक स्ट्रेचर पर रहा। रात करीब साढ़े बारह बजे शव को परिजनों ने मोर्चरी में रखवा दिया। शनिवार सुबह जब परिजन शव लेने आए तो शव ने करवट बदली हुई थी और उसने उल्टी कर रखी थी। यह देख परिजन हैरान रह गए और उन्होंने यह कहकर हंगामा खड़ा कर दिया कि कृष्ण कुमार को जीवित को मरा समझकर मोर्चरी में रखवा दिया था।
मृतक के साले पारितोष कुमार ने बताया कि सूचना मिलने पर वह रात अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने कृष्ण कुमार को मृत घोषित कर दिया था। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों से जान बचाने के लिए कई बार इलैक्ट्रिक शॉक और इंजेक्शन देने के लिए कहा गया। लेकिन, डॉक्टरों ने एक न सुनी। इसके बाद शव को मॉर्चरी में रखवा दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जब शव को पोस्टमार्टम करवाया गया तो डॉक्टरों ने बताया बताया कि व्यक्ति की मौत पोस्टमार्टम के मात्र आठ घंटे पहले हुई है। जबकि डॉक्टरों ने उसे कई घंटों पहले ही मृत बता दिया था। पुलिस ने भेल अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।