ममता बनर्जी के डॉक्टर्स डे पर छुट्टी के फैसले पर बोले डॉक्टर, इसकी बजाय हमारी सुरक्षा पर दें ध्यान
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल सरकार में आज यानी 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे को मौके पर अवकाश है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो दिन पहले ही में कोरोना के मुश्किल दौर में काम कर रहे डॉक्टरों को सम्मान देने के लिए 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे के मौके पर राज्य में सरकारी अवकाश घोषित किया है। हालांकि पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम सरकार के इस फैसले से बहुत खुश नहीं है। फोरम ने कहा है कि सम्मान से ज्यादा जरूरी डॉक्टरों की सुरक्षा है और सरकार को उस ओर ध्यान देना चाहिए।
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पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम सचिव डॉ. कौशिक चौकी ने न्यूज 18 से चैनल से एक बातचीत में कहा है कि सरकार ने डॉक्टरों को सम्मान देने के लिए 1 जुलाई को राज्य में अवकाश घोषित किया है। अगर राज्य सरकार वास्तव में डॉक्टरों को सम्मान देना चाहती है, तो उन्हें हर स्वास्थ्यकर्मी की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। राज्य सरकार उन मेडिकल कॉलेज में चल रहे शिक्षण और प्रशिक्षण को सुनिश्चित करे, जहां कोरोना वायरस संक्रमितों और गैर कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज हो रहा है। चाकी ने कहा कि वह चाहते हैं कि सीएम ममता बनर्जी डॉक्टरों की संस्था से मिलें और सुनिश्चित करें कि सभी प्रकार के सामाजिक बहिष्कार को रोका जाए। साथ ही डॉक्टरों की सुरक्षा और आजीविका सुनिश्चित की जाए।
आज मनाया जा रहा डॉक्टर्स डे
हर साल एक जुलाई को भारत में नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। एक जुलाई को डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय का जन्मदिन और पुण्यतिथि होती है। भारत रत्न विधानचंद्र का चिकित्सा के क्षेत्र में अहम योगदान है। भारत सरकार ने उनके जन्मदिन पर 1991 में नेशनल डॉक्टर्स डे मनाने का ऐलान किया था। तब से हर साल एक जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जा रहा है। महान फिजिशियन और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधान चंद्र राय का जन्म 1 जुलाई 1882 को हुआ था। साल 1961 में उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। 80 वर्ष की आयु में 1962 में 1 जुलाई को ही उनकी मृत्यु हो गई थी।
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