क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

शादी में डीजे होगा तो नहीं पढ़ाएंगे निकाह: देवबंद के क़ाज़ी

देवबंद (उत्तर प्रदेश) के एक क़ाज़ी ने कहा है कि जिन शादियों में नाच-गाना होगा उन शादियों में वह निकाह नहीं पढ़ाएंगे.

क़ाज़ी शहर मुफ़्ती अज़हर हुसैन ने कहा कि वह ऐसी शादियों का बहिष्कार करेंगे जिनमें डीजे होंगे क्योंकि इस्लाम में डीजे जाएज़ नहीं हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ उन्होंने कहा, "हम उन शादियों में निकाह नहीं पढ़ाएंगे जहां डीजे होगा 

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
शादी
Getty Images
शादी

देवबंद (उत्तर प्रदेश) के एक क़ाज़ी ने कहा है कि जिन शादियों में नाच-गाना होगा उन शादियों में वह निकाह नहीं पढ़ाएंगे.

क़ाज़ी शहर मुफ़्ती अज़हर हुसैन ने कहा कि वह ऐसी शादियों का बहिष्कार करेंगे जिनमें डीजे होंगे क्योंकि इस्लाम में डीजे जाएज़ नहीं हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ उन्होंने कहा, "हम उन शादियों में निकाह नहीं पढ़ाएंगे जहां डीजे होगा या जहां नाच-गाना होगा. ये इस्लाम के ख़िलाफ़ हैं और हम लोग ऐसी शादियों का बहिष्कार करेंगे."

उन्होंने आगे कहा कि ''अगर नाच-गाने शादी से पहले होते हैं और क़ाज़ी को इसके बारे में पता नहीं है तो कोई बात नहीं है.''

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अंतर्गत आने वाले दारुलक़ज़ा क्षेत्र में दिल्ली के क़ाज़ी मोहम्मद कामिल ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, "हम उनकी बात का समर्थन करते हैं."

दिल्ली के रामलीला मैदान में क्यों जुटी मुस्लिम महिलाएं?

मुस्लिम देशों में कामयाब मोदी देश में नाकाम क्यों?

डीजे
Getty Images
डीजे

लेकिन इसके साथ उन्होंने ये भी कहा कि 'ये लोगों की अपनी मर्ज़ी पर निर्भर करता है कि वह चीज़ों को कितनी संजीदगी से और किस तरह लेते हैं.'

दूसरी ओर ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल में दिल्ली प्रदेश के जेनरल सेक्रेटरी ज़की अहमद बेग ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि ''सैद्धांतिक रूप से सब इसका समर्थन करते हैं, लेकिन इसको लागू करने के लिए लोगों के बीच जागरुकता लाने की ज़रूरत है और उन्हें ये बताने की ज़रूरत है कि इस्लाम में संगीत किन कारणों से प्रतिबंधित है.'

उन्होंने अफ़ग़ान तालिबान का उदाहरण देते हुए कहा कि ''बग़ैर जनता को जागरुक किए उन्होंने जिस तरह से शरिया को लागू करने की कोशिश की उसकी वजह से सारी दुनिया उनकी विरोधी हो गई.''

निकाह
Getty Images
निकाह

उन्होंने आगे कहा कि 'सख़्त रवैया अपनाने से कुछ जुड़ता नहीं बल्कि टूटता है.'

इस्लामी फ़िक्ह अकेडमी के मुफ़्ती अहमद नादिरुल क़ासमी ने इस बारे में बताया कि ''समाज की सुधार की नीयत से किए जाने वाले ऐसे क़दम का मैं समर्थन करता हूं.''

उन्होंने आगे कहा कि हर शहर के क़ाज़ी और उलेमा के लोगों को बुरे काम और फ़साद का कारण बनने वाले काम से रोकने का प्रयास करना चाहिए.

हाथों की मेहंदी
Getty Images
हाथों की मेहंदी

उन्होंने कहा, "हम समाज सुधार की दिशा में उठाए गए ऐसे क़दम का समर्थन करते हैं. वरना शादी तो हो ही जाती है और कोई न कोई निकाह पढ़ा ही देगा."

इससे पहले भी विभिन्न जगहों से ऐसी शादियों के ख़िलाफ़ बयान आते रहे हैं. यहां तक कि ऐसे डिज़ाइनर बुर्क़े के ख़िलाफ़ भी देवबंद के उलेमा की ओर से फ़तवे आए हैं जिससे 'जिस्म का प्रदर्शन' होता हो.

एक फ़तवे में कहा गया कि 'हिजाब और बुर्क़ा लोगों की खोजी नज़रों से औरतों की रक्षा के लिए है. अगर कोई औरत डिज़ाइनर बुर्क़ा या जिस्म से चिपका हुआ कपड़ा पहनती है तो इस बात की इस्लाम की ओर से अनुमति नहीं है.'

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Do not teach if a DJ will be married in marriage Deobands Qazi
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X