रात में आसमान में देखना न भूले अद्भुत नजारा, 6800 सालों में नहीं देख पाएंगे ऐसा NEOWISE
रात में आसमान में देखना न भूले अद्भुत नजारा, 6800 सालों में नहीं देख पाएंगे ऐसा NEOWISE
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच प्रकृति के कई अनोखे नजारें हमें देखने को मिले हैं जिसमें कई खगोलीय घटनाएं दिखाई दीं। पृथ्वी के पास गुजरे विशालकाय उल्का पिंड ने जहां लोगो को भयभीत किया तो वहीं कुछ अंतरिक्ष में दिखें अद्भुत नजारे हमारे लिए सदा के लिए यादगार बन गए। आजकल आकाश में एक और ऐसा नजारा दिखाई दे रहा है जिसे देखना अगर आप मिस कर देते है तो उसे फिर कभी नहीं देख पाएंगे।
6800 सालों में नहीं देख पाएंगे ऐसी खगोलीय घटना
नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार आकाश में ये अद्भुत धूमकेतु अब शाम से आकाश में दिखाई दे रहा है और यह एक ऐसा दृश्य है जो आपकी जिंदगी के लिए सदा के लिए यादगार बन जाएगा क्योंकि यह धूमकेतु 6,800 वर्षों तक वापस नहीं आएगा यानी कि अगले 6,800 वर्षों बाद ही आकाश में ऐसा नजारा देखने को मिलेगा। नासा के अनुसार, उत्तरी गोलार्ध में सूर्यास्त के बाद अब धूमकेतु देखा जा सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि धूमकेतु 3 जुलाई को सूरज के सबसे करीब पहुंच गया, लेकिन अब तक केवल सुबह से पहले दिखाई दे रहा था। यदि आप उत्तरी गोलार्ध में हैं, तो आप इसे देख सकते हैं।
जानिए किस समय पर दिखेगा ये नजारा
नासा स्पेस टेलीस्कोप के उप प्रमुख अन्वेषक जो मासीरो ने नासा साइंस लाइव वेबकास्ट में बुधवार (15 जुलाई) को नियोवाइज धूमकेतु धूमकेतु की खोज की। उन्होंने बताया कि अगले कुछ दिनों में आकाश में और ऊंचाई पर जाएगा। इसलिए इसे आकाश में आप उत्तर-पश्चिम में ध्यान से देखेंगे तो दिखेगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि अब से 30 जुलाई तक हर शाम सूर्यास्त के समय से 45 मिनट बाद तक धूमकेतू को देखा जा सकता है।
इस तारीख तक दिखाई देगा ये धूमकेतु
यह खगोलीय घटना अगले 20 दिनों तक जारी रहेगी, 22 और 23 जुलाई को यह धूमकेतु पृथ्वी के सबसे नजदीक से गुजरेगा। 30 जुलाई तक यह धूमकेतु सप्तर्षि मंडल के पास होगा। तब यह आसमान में 1 घंटे तक चमकेगा। जुलाई के बाद इसकी चमक कम होने लगेगी, लेकिन तब भी इसे दूरबीन की मदद से देखा जा सकेगा।
नग्न आंखों की तुलना में दूरबीन से साफ नजर आएगा ये पूंछ वाला धूमकेतु
नासा की गाइडलाइन के अनुसार अगर नग्न आंखों से इसे देखेंगे तो ये धूमकेतु एक पूंछ के साथ फजी स्टार की तरह दिखाई देगा लेकिन छोटे या बड़े दूरबीन से देखने पर ये नजारा और भी सुंदर और स्पष्ठ नजर आएगा। वैज्ञानिकों ने ये भी बताया कि इसके लिए सूर्यास्त का असली समय देखकर उसके 45 मिनट बाद आकाश में देखने पर ये स्पष्ठ दिखाई देगा।
क्या इससे है पृथ्वी को कोई खतरा?
धूमकेतु नेओविस वर्तमान में पृथ्वी से लगभग 70 मिलियन मील (111 मिलियन किमी) दूर है पृथ्वी सूर्य से औसतन लगभग 93 मिलियन मील (150 मिलियन किमी) दूर है। वैज्ञानिक मेसिरो ने कहा कि धूमकेतु लगभग 40 मील प्रति सेकंड की गति से आगे बढ़ रहा है - यह लगभग 144,000 मील प्रति घंटे (231,000 किमी / घंटा) है, लेकिन इससे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है। यह हमसे बहुत दूर है और यह हमारे आस-पास कहीं भी नहीं आ रहा है, इसलिए कोई खतरा नहीं है। स्काइवार्चस के लिए ये नजारा अद्भुद होगा।
जानिए क्यों पृथ्वी से इतना साफ क्यों दिखाई रे रहा ये चमकदार धूमकेतु
वैज्ञानिकों ने बताया कि ये जो धूमकेतु और उसकी पूंछ सूरज की रोशनी से रिफलेक्ट करके चमक रही है और धूमकेतु की दूसरी पूंछ जो ionized particles से बनी हुई हैं वो सोलार विंड की वजह से उसकी पूंछ चमक रही है ।धूमकेतु NEOWISE एक हफ्ते पहले बुध की कक्षा के आस-पास देखा गया था और अब वह पृथ्वी से दूर जा रहा था। इससे पहले दिसंबर 2013 में आइजान धूमकेतु दिखा था। धूमकेतु 1995 और 1996 में भी दिखा था लेकिन ऐसा धूमकेतु इस युग में नहीं देखा गया है।
क्या होता है धूमकेतु ?
धूमकेतु जमे हुए गैस, पत्थर और धूल से बनी हुई कॉस्मिक गेंद हैं, जो सूर्य के चारों ओर परिक्रमा कर रही हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार जब वो जे रहते हैं तो उनका आकार एक छोटे से चन्द्रमा की तरह होता है और चक्कर काटते हुए जब ये सूरज के निकट आते हैं तो सूरज के ताप से ये गर्म हो जाते हैं जिसके बाद गैस एवं धूल निकलने लगती है जिसके कारण विशालकाय चमकते हुए गोलाकार पिंड का निर्माण हो जाता है जिनका आकार कभी-कभी तो ग्रहों से भी बड़ा हो जाता हैं। रोचक बात भी है कि धूमकेतुओं का नाम उनके ढूढ़ने वाले वैज्ञानिक और अंतरिक्षयान के मुताबिक किया जाता है।
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