'दो हजार बीस, हटाओ नीतीश', बिहार चुनाव को लेकर लालू यादव ने दिया आरजेडी का चुनावी नारा
नई दिल्ली। बिहार में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी प्रमुख सियासी दलों ने तैयारी तेज कर दी है। बात करें प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल की तो इस चुनाव में उनके निशाने पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ही रहने वाले हैं। इस बात का पता आरजेडी के चुनावी नारे से हो जाता है। दरअसल, आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आरजेडी सुप्रीम लालू प्रसाद यादव के ट्विटर हैंडल से पार्टी का चुनावी नारा ट्वीट किया गया है, इसमें सीधे तौर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टारगेट किया गया है।
लालू यादव ने ट्वीट किया पार्टी का चुनावी नारा
राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने शनिवार को ट्वीट करके पार्टी का चुनावी नारा सामने रखा। लालू यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, 'दो हजार बीस, हटाओ नीतीश।' इस ट्वीट से पार्टी का रुख साफ है कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को हटाओ। आरजेडी चीफ फिलहाल चारा घोटाला मामले में जेल में हैं, बावजूद इसके उनका बिहार की राजनीति में फोकस पूरी तरह से बना हुई है। यही वजह है कि आगामी चुनाव को लेकर पार्टी का चुनावी नारा सामने रखा गया। खुद उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया। जेल में रहने के दौरान उनके परिवार के सदस्यों की सलाह के बाद उनके कार्यालय की ओर से इसे संचालित किया जा रहा है।
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'दो हजार बीस, हटाओ नीतीश'
पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार बिहार विधानसभा चुनाव काफी अलग रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले चुनाव में आरजेडी, जेडीयू एक साथ चुनाव मैदान में उतरे थे। उस समय आरजेडी सबसे बड़े दल के तौर पर उभरा था, जबकि जेडीयू दूसरे नंबर पर थी। हालांकि, इस बार समीकरण बदल चुके हैं ऐसा इसलिए क्योंकि जेडीयू इस बार बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए खेमे में शामिल है। इस बात की पूरी संभावना है कि जेडीयू इस चुनाव में बीजेपी-एलजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव मैदान में उतरेगी।
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चुनाव से पहले बिहार में पोस्टर वॉर
फिलहाल आगामी चुनाव को लेकर आरजेडी और जेडीयू के बीच रणनीतिक जंग तेज हो गई है। इस बात का पता प्रदेश में चल रहे पोस्टर वॉर से भी लगाया जा सकता है। बिहार की राजधानी पटना में आरजेडी और जेडीयू की ओर से पोस्टर लगाए गए हैं। जेडीयू की ओर से लगाए गए पोस्टर में पार्टी ने नीतीश कुमार के 15 साल के शासन पर फोकस किया है, साथ ही लालू यादव के 15 साल के शासन के दौरान के 'जंगल राज' का मुद्दा उठाया है। फिलहाल इस चुनावी घमासान में किसे कामयाबी मिलेगी ये देखना दिलचस्प रहेगा।
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