लोकसभा में उठा NEET पाठ्यक्रम का मुद्दा, सांसद बोले- आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे छात्र
नई दिल्ली: छात्रों के विरोध के बाद भी केंद्र सरकार कोरोना काल में NEET और JEE की परीक्षाएं आयोजित करवा रही है। इस बीच सोमवार से संसद का मानसून सत्र भी शुरू हुआ। जिसमें कोरोना, जीडीपी समेत कई मुद्दों पर जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान डीएमके सांसद टीआर बालू ने NEET पाठ्यक्रम का मुद्दा उठाया। साथ ही बताया कि कैसे इस परीक्षा की वजह से छात्र आत्महत्या करने को मजबूर हैं।
डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा कि NEET परीक्षा को लेकर मैं सदन और सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। इसमें कई ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने आत्महत्या कर ली। वो सभी ग्रामीण पृष्ठभूमि के थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे राज्य बोर्ड से 12वीं की परीक्षा पास करते हैं, लेकिन NEET केवल CBSE पाठ्यक्रम के आधार पर करवाई जाती है। ऐसे में छात्रों के सामने बड़ी मुश्किल होती है।
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सांसद बालू के मुताबिक अगर कोई छात्र 12वीं की परीक्षा पास करता है और NEET परीक्षा में शामिल होना चाहता है, तो उसके पास सिर्फ एक महीने का वक्त होता है। इसमें उन्हें पूरा सीबीएसई का सेलेब्स पढ़ना रहता है। सीबीएसई पाठ्यक्रम के किसी भी विषय को जाने बिना, वे असहाय हैं और आत्महत्या कर रहे हैं। उनके मुताबिक भारत के कुछ भावी डॉक्टरों ने इस पाठ्यक्रम के चलते पहले ही आत्महत्या कर ली है।