कांग्रेस के डीके शिवकुमार ने बताया, कर्नाटक में कितने दिन चलेगी गठबंधन सरकार?
5 दिन तक चले सियासी बवाल के बाद येदुरप्पा के इस्तीफे से कर्नाटक का संकट तो आखिरकार दूर हो गया, लेकिन कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बनने से पहले ही इस सरकार के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
नई दिल्ली। 5 दिन तक चले सियासी बवाल के बाद येदुरप्पा के इस्तीफे से कर्नाटक का संकट तो आखिरकार दूर हो गया, लेकिन कांग्रेस और जेडीएस की सरकार बनने से पहले ही इस सरकार के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं। सियासी गलियारों में लगातार खबरें उड़ रही हैं कि गठबंधन की सरकार बनने से पहले ही कांग्रेस के नेताओं में नाराजगी है। हालांकि दोनों दलों के शीर्ष नेताओं ने इन खबरों को सिरे से खारिज किया है। इस बीच गठबंधन की सरकार के भविष्य को लेकर 'कर्नाटक संकट' में कांग्रेस के 'हीरो' रहे डीके शिवकुमार ने बड़ा बयान दिया है।
क्या 5 साल पूरे करेगी कर्नाटक सरकार?
सोमवार को पत्रकारों से बात कर रहे कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार से जब पूछा गया कि क्या कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी? तो इस सवाल के जवाब में डीके शिवकुमार ने कहा, 'इसका जवाब समय देगा। मैं अभी इस सवाल का जवाब नहीं देना चाहता। हमारे समाने अभी कई मुद्दे और विकल्प हैं, मैं अभी इस बारे में नहीं बता सकता।'
गठबंधन के लिए मैंने सारी कड़वाहट निगल ली
जेडीएस के साथ गठबंधन पर नाराजगी की खबरों को लेकर डीके शिवकुमार ने कहा, 'कर्नाटक में एक सेक्युलर सरकार का गठन करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गठबंधन का फैसला लिया है। इस समय पूरे देश को इसकी जरूरत है और इसीलिए हम लोगों ने जेडीएस के साथ गठबंधन किया है। इसके लिए मुझे सारी कड़वाहट निगलनी पड़ी है और मैं मानता हूं कि इस समय यही मेरा फर्ज भी है। कभी-कभी किसी एक की नाराजगी मायने नहीं रखती है। मैं खुद भी इस गठबंधन के लिए अपनी सहमति दी है।'
देवगौड़ा परिवार के राजनीतिक प्रतिद्वंदी हैं डीके
कर्नाटक के बाद कांग्रेस के इस 'नए गठबंधन' ने उड़ाई मोदी-शाह की नींद, दांव पर हैं तीन प्रदेशआपको बता दें कि कर्नाटक में येदुरप्पा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। कांग्रेस कर्नाटक की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है, इसके बावजूद उसने जेडीएस को समर्थन देकर कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया है। राजनीतिक रूप से डीके शिवकुमार एचडी देवगौड़ा परिवार के प्रतिद्वंदी रहे हैं। डीके शिवकुमार और देवगौड़ा परिवार कई बार चुनाव में आमने सामने आ चुके हैं।