साईंबाबा के जन्मस्थान को लेकर विवाद खत्म, मुख्यमंत्री ने मानी सभी मांगें
नई दिल्ली। शिरडी के साईंबाबा के जन्मस्थान को लेकर चल रहे विवाद को लेकर चल रहा टकराव आखिरकार खत्म हो गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पाथरी को साईंबाबा का जन्मस्थान बताया था, जिसके बाद काफी विवाद खड़ा हो गया था। शिरडी के लोग और तमाम साईंबाबा संस्थान ट्र्स्ट ने नाराजगी जाहिर की थी। जिसके बाद रविवार को शिरडी बंद का एलान किया गया था। लेकिन इस पूरे विवाद पर प्रदर्शनकारियों से बातचीत के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने उनकी मांग को मांग लिया है और मसले को सुलझा लिया गया।
श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य कमलाकर कोठे ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इन लोगों की सभी मांगों को मान लिया है। इसके बाद शिरडी के लोग संतुष्ट हैं। इन लोगों ने आश्वासन दिया है कि अब इस पूरे मसले पर कोई नया विवाद खड़ा नहीं होगा, हम पूरे विवाद को खत्म कर रहे हैं। पूरे विवाद को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अलावा बालासाहेब थोराट, अजित पवार, आदित्य ठाकरे और श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट के सीईओ और डीएम मुगलीकर भी मौजूद थे।
बता दें कि उद्धव ठाकरे ने एक कार्यक्रम के दौरान साईंबाबा के जन्मस्थान को पाथरी बताया था और इसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपए जारी करने का एलान किया था। उनके इस एलान के बाद शिरडी के लोगों ने नाराजगी जाहिर की और विरोध प्रदर्शन करने लगे थे। लोगों का कहना था कि उन्हें पाथरी के विकास से कतई कोई एतराज नहीं है लेकिन साईंबाबा के जन्म को लेकर कोई भी पुख्ता सबूत नहीं हैं कि यह उनका जन्म पाथरी में हुआ है। हालांकि लोगों का कहना है कि साईं बाबा की कर्मभूमिक शिरडी रही है और शिरडी से ही साईंबाबा की पहचान जुड़ी रही है।