मुश्किल सीट से चुनाव लड़ने की कमलनाथ की चुनौती पर दिग्विजय ने रखी ये शर्त
नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सलाह दी है कि वह सबसे मुश्किल सीट से इस बार चुनाव लड़ें। कमलनाथ के इस सुझाव पर दिग्विजय सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चुनौतियों को स्वीकार करना मेरी आदत है। दिग्विजय सिंह ने कई ट्वीट किए, उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मुझसे कहेंगे तो मैं कहीं से भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से कमलनाथ ने को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया उसके बाद कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच तनातनी बनी हुई है।
चुनौती स्वीकार करना मेरी आदत
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करके लिखा कि चुनौती स्वीकार करना मेरी आदत है, मैंने 1977 में जनता दल की लहर के बावजूद राघोगढ़ से चुनाव जीता था। मैं किसी भी सीट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं, अगर मेरे नेता राहुल गांधी जी कहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं अपने साथी कमलनाथ जी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने समझा कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ने में सक्षम हूं। बता दें कि इससे पहले कमलनाथ ने कहा था कि अगरग कमलनाथ लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उन्हें प्रदेश की सबसे मुश्किल सीट से चुनाव लड़ना चाहिए।
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ये सीटें कांग्रेस के लिए मुश्किल
हालांकि कमलनाथ ने इस बात का जिक्र नहीं किया है कि दिग्विजय सिंह को किस सीट से चुनाव लड़ना चाहिए। लेकिन उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कुछ ऐसी मुश्किल सीटें हैं जहां से कांग्रेस पिछले 30--35 सालों में नहीं जीती। भोपाल, इंदौर, विदिषा ऐसी हाई प्रोफाइल सीटें हैं जहां कांग्रेस ने तीन दशक से चुनाव नहीं जीता है। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन इंदौर से 1991 से चुनाव जीतती आ रही हैं। आखिरी बार कांग्रेस को यहां 1984 में जीत मिली थी।
कांग्रेस को उम्मीद
सूत्रों की मानें तो दिग्विजय सिंह राजगढ़ से चुनाव लड़ना चाहते हैं, इसी सीट से उन्होंने 1984, 1991 में जीत दर्ज की थी। बता दें कि मध्य प्रदेश में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं। 2014 में भाजपा ने यहां से 27 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ दो सीटें ही आई थी। लेकिन जिस तरह से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की उसके बाद उसे उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी अच्छा प्रदर्शन करेगी।
चार चरण में होगा चुनाव
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में चार चरणों में चुनाव होगा। यहां 29 अप्रैल, 6 मई, 12 मई और 19 मई को मतदान होगा। यहां कांग्रेस और भाजपा मुख्य राजनीतिक दल हैं। दोनों ही दलों ने अभी तक उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया है। चुनाव के नतीजे 23 मई को घोषित किए जाएंगे।
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