कांग्रेस सरकार में 746 रुपए का राफेल बताकर ट्रोल हुए दिग्विजय सिंह, फिर बोले- गलती हो गई
नई दिल्ली। फ्रांस से खरीदे गए लड़ाकू विमान राफेल आज भारत पहुंच गए हैं। सोमवार को राफेल फ्रांस के मेरीनेक से भारत के लिए रवाना हुए थे। बुधवार दोपहर पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा अंबाला एयरबेस पर उतरा। राफेल डील में कांग्रेस लगातार 2015 से ही घोटाले का गंभीर आरोप लगाती रही है। राफेल के भारत पहुंचने पर फिर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर से डील पर सवाल खड़े किए लेकिन ट्वीट में एक गलती के चलते उनको माफी मांगते हुए भूल सुधारनी पड़ गई।
क्या सिर्फ 746 रुपए में राफेल?
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बुधवार सुबह ट्वीट कर राफेल की कीमतों को लेकर सवाल किया। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा- एक राफेल की कीमत कांग्रेस सरकार ने 746 रुपए तय की थी लेकिन 'चौकीदार' महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मांग करने के बावजूद आज तक एक राफेल कितने में खरीदा है, बताने से बच रहे हैं। क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जायेगी!! 'चौकीदार' जी अब तो उसकी क़ीमत बता दें!
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ट्रोल हुए तो गलती का हुआ अहसास
दिग्विजय सिंह अपने ट्वीट में 746 के सात करोड़ लिखना भूल गए। इस पर ट्विटर पर कई लोगों ने उनको ट्रोल किया तो उन्हें इसका अहसास हुआ कि सिर्फ 746 रुपए में उन्होंने राफेल की कीमत बता दी है। इसके बाद उन्हें लिखा, 'क्षमा करें ₹७४६ करोड़ तय की थी। त्रुटि के लिए खेद है।'
एक और ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने लिखा- आखिर राफेल जेट आ गया। 126 राफेल खरीदने का कांग्रेस नेतृत्व में यूपीए सरकार ने 2012 में फैसला लिया था और 18 को छोड़कर बाकी का भारत सरकार की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में निर्माण का प्रावधान था। यह भारत में आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था। एक राफ़ेल की कीमत 746 करोड़ रुपए तय की गई थी लेकिन मोदी सरकार ने फ्रांस के साथ पीएम मोदी ने बिना रक्षा मंत्रालय और कैबिनेट कमेटी की मंज़ूरी के नया समझौता कर लिया। एचएएल का हक मार कर निजी कंपनी को दे दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा को अनदेखी कर 126 राफेल के बजाय केवल 36 खरीदने का निर्णय लिया। क्या पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया?
फ्रांस से खरीदे हैं ये राफेल जेट
भारत ने 36 राफेल जेट फ्रांस से खरीदे हैं। फ्रांस सरकार के साथ 2015 में 36 राफेल की डील भारत सरकार ने साइन की थी। इससे पहले मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते राफेल को लेकर डील हुई थी लेकिन मौजूदा सरकार ने उसे कैंसिल कर फिर से डील की थी। अभी तक भारत के अलावा इजिप्ट और कतर की वायुसेनाएं इसका प्रयोग कर रही हैं। बता दें कि राफेल की लैंडिंग को लेकर अंबाला में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। पूरे शहर में धारा 144 लगी हुई है। आईएएफ ने फोटो और वीडियो लेने पर पाबंदी लगाई है।
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