पुलवामा हमले पर दिग्विजय सिंह बोले- सवाल उठाने वाले को देशद्रोशी करार दे दिया जाता है
भोपाल। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने जम्मू-कश्मीर में 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले को लेकर केंद्र सरकार पर फिर निशाना साधा है। दिग्विजय ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने खुद कहा कि पुलवामा हमला इंटेलिजेंस की नाकामी थी। यदि किसी और देश में ऐसी घटना होती तो यदि प्रधानमंत्री से नहीं तो गृह मंत्री से जरूर इस्तीफा ले लिया जाता। लेकिन यहां, जिसने भी सवाल उठाए उसे देशद्रोही करार दे दिया गया।
दिग्विजय सिंह ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दावा किया है कि विधानसभा भंग होने के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राष्ट्रपति से आर्टिकल 370 को हटाने की सिफारिश की थी। जबकि राज्यपाल राष्ट्रपति के ही नियुक्त किए हुए हैं और वहां के नागरिक भी नहीं है। मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि, अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि जम्हूरियत, कश्मीरियत और इंसानियत से कश्मीर मुद्दा हल होगा, लेकिन मोदी सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांत की धज्जियां उड़ा दीं।
इससे पहले जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा था कि, मैंने आप लोगों से कहा था कि अगर धारा 370 हटी तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। देखिए आज कश्मीर जल रहा है। इन्होंने (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) अपने हाथ आग में झुलसा लिए हैं। कश्मीर को बचाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से अपील करता हूं कि इस समस्या का जल्दी हल कराइए, नहीं तो कश्मीर हमारे हाथ से निकल जाएगा।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, अगर जम्मू-कश्मीर हिंदू बहुल राज्य होता तो भगवा पार्टी इस राज्य का विशेष दर्जा 'नहीं' छीनती। भाजपा ने अपनी ताकत से अनुच्छेद को समाप्त किया। जम्मू-कश्मीर अस्थिर है और अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियां इस अशांत स्थिति को कवर कर रही हैं लेकिन भारतीय मीडिया घराने ऐसा नहीं कर रहे हैं।
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