दिग्विजय सिंह की जुबान ही कंट्रोल में नहीं है-कांग्रेस नेता पर थोड़ा नरम-थोड़ा गरम क्यों हुईं उमा भारती
नई दिल्ली- मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बारे में कहा है कि उनका मुंह ही उनका सबसे बड़ा दुश्मन है, क्योंकि उनकी जुबान ही उनके कंट्रोल में नहीं है। दरअसल, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए उन्होंने चंदा भी दिया है, लेकिन उसको लेकर कुछ सवाल भी उठाए हैं, उमा भारती ने इसी पर प्रतिक्रिया दी है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि वह दिग्विजय को तब से जानती हैं, जब वह सिर्फ 8 सील की थीं और दिग्विजय इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर लौटे थे। उमा ने कहा कि दिग्विजय आज अपनी जुबान की वजह से ही जो हैं सो हैं, नहीं तो इससे बेहतर हो सकते थे।
कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 1,11,111 रुपये का दान दिया है। उन्होंने दान की राशि वाला यह चेक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है और उसमें एक चिट्ठी भी लगाई है, जिसमें इस कार्य के लिए जुटाए जा रहे रकम के बारे में सवाल भी किए गए हैं और साथ ही, राम मंदिर ट्रस्ट में शंकराचार्यों को नहीं शामिल किए जाने पर भी आपत्ति जताई है। इससे पहले दिग्विजय राम मंदिर के भूमि पूजन के मौके को भी अशुभ ठहरा चुके हैं।
जब इसी पर भोपाल में शुक्रवार को पत्रकारों ने उमा भारती से पूछा तो उन्होंने कहा कि "वे कांग्रेस के बहुत कद्दावर नेता होते हुए भी कांग्रेस में भी अपनी जगह नहीं बना सके, जो उनकी जगह हो सकती थी.... इतनी योग्यता होते हुए भी। इसका कारण ये है कि उनका सबसे बड़ा शत्रु उनका मुंह है। उनका खुद का मुंह, उनकी खुद की जीभ उनकी सबसे बड़ी दुश्मन है और ये उनके कंट्रोल में नहीं है। इतना योग्य, इतना सामर्थ्यवान और एक ऐसा व्यक्ति जो ऐसी सोच रखता है कि सबकी भावनाओं का आदर करके चले....मैंने कहा ना वो मेरा बहुत सम्मान करते हैं।"
उमा भारती ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि राम मंदिर के लिए चंदा भी उन्होंने बहुत ही आदर के साथ दिया होगा, लेकिन 'दिग्विजय सिंह की जुबान ही कंट्रोल में नहीं है....'। शायद इसलिए ऐसा मुंह से निकल गया होगा। उमा ने कहा कि वह सिर्फ 8 साल की थीं तब राघोगढ़ में दिग्विजय के यहां प्रवचन करने गई थीं। आज भी दिग्विजय के परिवार में उनका बहुत सम्मान है।