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अब मध्य प्रदेश कांग्रेस में घमासान, दिग्विजय सिंह के भाई ने उठाए ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सवाल

अब मध्य प्रदेश कांग्रेस में घमासान, दिग्विजय सिंह के भाई ने उठाए ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सवाल

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नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के सदमे से कांग्रेस पार्टी अभी तक उबरी नहीं है। हार की जिम्मेदारी को लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान में सबसे ज्यादा घमासान मचा हुआ हुआ है। राजस्थान में जहां सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समर्थक एक दूसरे को हार का जिम्मेदार बता रहे हैं तो वहीं, मध्य प्रदेश में अब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के भाई विधायक लक्ष्मण सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लक्ष्मण सिंह ने ना केवल ज्योतिरादित्य सिंधिया पर सवाल उठाए हैं, बल्कि प्रदेश के सीएम कमलनाथ के कुछ फैसलों को लेकर भी आपत्ति जताई है।

'किसी और नाम पर विचार करे कांग्रेस'

'किसी और नाम पर विचार करे कांग्रेस'

गुरुवार को दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने भोपाल में कहा, 'ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नहीं बनाया जाना चाहिए। उनके पास समय ही कहां है। सिंधिया के ऊपर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की भी जिम्मेदारी है, वो वहां भी पार्टी का काम देख रहे हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व को प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए किसी और नाम पर विचार करना चाहिए।' आपको बता दें कि लक्ष्मण सिंह मध्य प्रदेश की चाचौड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी ममता मीना को हराया था। लक्ष्मण सिंह मध्य प्रदेश की ही राजगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद भी रह चुके हैं। वो 2004 में भाजपा में गए थे और 2010 में कांग्रेस में वापस लौट आए।

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सीएम कमलनाथ पर भी उठाए सवाल

सीएम कमलनाथ पर भी उठाए सवाल

लक्ष्मण सिंह ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर किए जा रहे सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों का ट्रांसफर करना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर ट्रांसफर की प्रक्रिया गलत है। इस तरह के कदम से सरकार का ही कामकाज प्रभावित होता है और आर्थिक बोझ भी बढ़ता है। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि ट्रांसफर करने पर सरकारी कर्मचारियों को भत्ता देना पड़ता है, आखिर ये पैसा कहां से आएगा। सरकारी धन का प्रयोग जनता से जुड़े विकास कार्यों के लिए किया जाना चाहिए।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस को मिली केवल 1 सीट

मध्य प्रदेश में कांग्रेस को मिली केवल 1 सीट

गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस को करारी हार मिली है। मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को केवल एक सीट पर ही जीत मिल पाई है, जबकि 28 सीटों पर भाजपा ने अपना परचम लहराया है। मध्य प्रदेश में यह भाजपा का अभी तक का सबसे शानदार प्रदर्शन है। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मोदी की लहर के दम पर प्रदेश की 29 में से 27 सीटों पर जीत हासिल की थी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हार इसलिए भी बड़ा झटका है, क्योंकि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में उसने भाजपा को हराकर प्रदेश की सत्ता हासिल की थी। ऐसे में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इस चुनाव में सीएम कमलनाथ के बेटे भी छिंदवाड़ा सीट से चुनाव हार गए, जबकि छिंदवाड़ा सीट कमलनाथ का गढ़ मानी जाती है।

'कमलनाथ को मिला BSP का साथ'

'कमलनाथ को मिला BSP का साथ'

लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर भी संकट बना हुआ है। भाजपा सीएम कमलनाथ से बहुमत साबित करने की मांग कर चुकी है। हालांकि बहुजन समाज पार्टी ने ऐलान किया है कि वो प्रदेश की कांग्रेस सरकार को बाहर से अपना समर्थन देना जारी रखेगी। बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामजी गौतम ने कमलनाथ सरकार को समर्थन जारी रखने के मुद्दे पर कहा, 'प्रदेश में सांप्रदायिक और जातिवादी ताकतों को सत्ता में आने से रोकने के लिए हमारी पार्टी ने कांग्रेस सरकार को बाहर से सर्मथन दिया हुआ है, जो आगे भी जारी रहेगा। कांग्रेस की सरकार को समर्थन जारी रखने का फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष के स्तर पर लिया गया है।'

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English summary
Digvijay Singh's Brother Laxman Singh Raise Questions On Jyotiraditya Scindia.
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