राम मंदिर भूमि पूजन पर शिवसेना-NCP में मतभेद, उद्धव भी जाएंगे अयोध्या
नई दिल्ली- अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाली भूमि पूजन और आधारशिला कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर महाराष्ट्र की महा अघाड़ी गठबंधन सरकार में मतभेद उभर आए हैं। मंगलवार को पहले शरद पवार की पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस कार्यक्रम में निमंत्रण मिलने के बावजूद नहीं जाने की सलाह दी गई थी, लेकिन शिवसेना ने उसे सिरे से खारिज करके कह दिया कि सीएम ठाकरे तो जरूर अयोध्या जाएंगे। इससे पहले एनसीपी ने नसीहत दी थी कि मुख्यमंत्री को इस धार्मिक कार्यक्रम में जाने से बचना चाहिए। गौरतलब है कि ऐसी चर्चा है कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट उद्धव ठाकरे को भी निमंत्रण भेज सकता है।
उद्धव ठाकरे जरूर जाएंगे अयोध्या- शिवसेना
शिवसेना के राज्यसभा सांसद और उद्धव ठाकरे के खासमखास नेता संजय राउत ने मंगलवार को ताल ठोककर कहा है पार्टी के अध्यक्ष 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन और आधारशिला समारोह में जरूर शामिल होंगे। जब राउत से पूछा गया कि क्या इसके लिए शिवसेना प्रमुख को निमंत्रण मिला है तो उन्होंने कहा है कि यह मिल ही जाएगा। माना जा रहा है कि राम मंदिर के निर्माण के लिए होने वाले इस समारोह में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत करेंगे और उन्हीं के हाथों इस कार्य की शुरुआत की जाएगी। अब राउत ने एक सवाल के जवाब में एक टीवी चैनल से कहा है कि 'मुख्यमंत्री निश्चित रूप से भूमि पूजन समारोह में जाएंगे, क्योंकि शिवसेना का इस मुद्दे से भावनात्मक, धार्मिक और राष्ट्रीय जुड़ाव रहा है।
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देश और हिंदुत्व के लिए ऐतिहासिक समारोह- राउत
शिवसेना नेता ने ये भी कहा है कि इस मुद्दे पर उनकी पार्टी का बड़ा योगदान रहा है और राम मंदिर के निर्माण के लिए शिवसैनिकों ने अपना रक्त बहाया है और बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि उद्धव महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने से पहले और बाद में भी अयोध्या जाते रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि हजारों हिंदू शहीदों के नजरिए से यह देश और हिंदुत्व के लिए ऐतिहासिक समारोह है। उनके मुताबिक अगर कोविड-19 का संकट नहीं होता तो लाखों राम भक्त इस समारोह के लिए उमड़ पड़ते। गौरतलब है कि सोमवार को राउत ने दावा किया था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता उन्हीं की पार्टी ने साफ किया।
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उद्धव को अयोध्या जाने से बचना चाहिए- एनसीपी
शिवसेना का यह नजरिया महाराष्ट्र में उसकी सरकार की सहयोगी और शरद पवार की पार्टी एनसीपी से पूरी तरह अलग है। पार्टी के नेता माजिद मेनन ने एक ट्वीट करके अपनी भावना जाहिर की है और कहा है कि सरकार के प्रमुख होने के चलते मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस धार्मिक आयोजन में नहीं शामिल होना चाहिए। मेनन ने अपने ट्वीट में लिखा है, 'राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए उद्धव ठाकरे आमंत्रितों में शामिल हैं। कोविड-19 की पाबंदियों का पालन करते हुए वो अपनी निजी हैसियत से इसमें शामिल हो सकते हैं। धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के मुखिया को खास धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देने से बचना चाहिए.....।'
5 अगस्त को शुरू होगा राम मंदिर का निर्माण
बता दें कि दशकों तक चली लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद पिछले साल 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय बेंच ने सर्वसहमति से अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ कर दिया था। बाद में अदालत के आदेश के मुताबिक केंद्र सरकार ने मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया, जिसने 5 अगस्त को भूमि पूजन कार्यक्रम तय किया है। माना जा रहा है कि भूमि पूजन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों संपन्न करवाया जाएगा। कोरोना वायरस की वजह से इस कार्यक्रम में बहुत ही सीमित मेहमानों को बुलाए जाने की चर्चा है, जिनकी संख्या 150 से 200 तक होने की संभावना है। इनमें पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी के अलावा यूपी, महाराष्ट्र और बिहार के मुख्यमंत्रियों क्रमश: योगी आदित्यनाथ, उद्धव ठाकरे और नीतीश कुमार के भी शामिल होने की चर्चा है।
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