क्या कश्मीरियों से मारपीट करने वाला शख़्स सीएम योगी के दफ़्तर पहुँचा? फ़ैक्ट चेक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि सीएम योगी ने लखनऊ में कश्मीरी विक्रेताओं को पीटने वाले हिमांशु अवस्थी से अपने दफ़्तर में मुलाक़ात की. पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ की आलोचना करने वाले कई फ़ेसबुक ग्रुप्स में यह तस्वीर शेयर की गई है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि सीएम योगी ने लखनऊ में कश्मीरी विक्रेताओं को पीटने वाले हिमांशु अवस्थी से अपने दफ़्तर में मुलाक़ात की.
इस तस्वीर में सीएम आदित्यनाथ दाहिनी ओर बैठे हुए दिखाई देते हैं जो सामने वाले सोफ़े पर बैठे दो लोगों से बात कर रहे हैं.
पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ की आलोचना करने वाले कई फ़ेसबुक ग्रुप्स में यह तस्वीर शेयर की गई है.
साथ ही ट्विटर पर भी कुछ सवालों के साथ लोगों ने यह फ़ोटो पोस्ट किया है.
@VipinRathaur नामक वेरिफ़ाइड ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है कि "क्या यह वही लड़का हिमांशु अवस्थी है जिसने मार्च में लखनऊ के डालीगंज पुल पर कश्मीरी ड्राई फ्रूट विक्रेताओं को अपने साथियों संग सिर्फ़ इसलिए पीटा था कि वो कश्मीर के थे? यदि यह वही है तो सीएम साहब के साथ क्या कर रहा है?"
बीबीसी के कुछ पाठकों ने भी वॉट्सऐप के ज़रिए हमें यह तस्वीर भेजी हैं और सोशल मीडिया पर आदित्यनाथ योगी के बारे में किए जा रहे इस दावे की सच्चाई जाननी चाही है.
अपनी पड़ताल में हमने पाया कि सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रही तस्वीर सही है और फ़ोटो में सीएम आदित्यनाथ योगी के सामने बैठा शख़्स हिमांशु अवस्थी ही है.
यूपी पुलिस के अनुसार, हिमांशु अवस्थी का नाम लखनऊ में कश्मीरी ड्राय फ़्रूट विक्रेताओं को पीटने वाले अभियुक्तों की लिस्ट में शामिल था.
ख़ुद अपॉइंटमेंट लेने का दावा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने हिमांशु अवस्थी के इस मीटिंग के लिए पहुँचने की तो पुष्टि की, लेकिन सीएम से मिलने की अपॉइंटमेंट किसके नाम पर ली गई थी, इसकी जानकारी हमें नहीं दी गई.
इसके बाद रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिए हमने हिमांशु अवस्थी की पर्सनल फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल ढूंढी जहाँ उन्होंने 4 जून 2019 को, दोपहर 12 बजे यही फ़ोटो शेयर की थी.
ख़ुद को 'राष्ट्रवादी' और भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता बताने वाले 25 वर्षीय हिमांशु ने इस तस्वीर के साथ लिखा है कि "आज दिनाँक 04 जून को माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के जन्मदिन से पहले संत बाल योगेश्वर जी के साथ सीएम आवास पर जाकर जन्मदिन की बधाई दी और नई सरकार बनने हेतु बधाई दी."
क्या था पूरा मामला?
लखनऊ के डालीगंज पुल पर दो कश्मीरी ड्राय फ़्रूट विक्रेताओं के साथ मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद, हिमांशु अवस्थी समेत अन्य अभियुक्तों (बजरंग सोनकर, अमर मिश्रा, अनिरुद्ध कुमार और अम्बुज निगम) को यूपी पुलिस ने 7 मार्च 2019 को गिरफ़्तार किया था.
पुलवामा में सीआरपीएफ़ के काफ़िले पर हुए चरमपंथी हमले के बाद भारत के कई राज्यों से कश्मीरी लोगों को निशाना बनाए जाने की ख़बरें आई थीं.
लखनऊ की घटना भी उसी क्रम में हुई थी.
स्थानीय पुलिस ने सभी अभियुक्तों की गिरफ़्तारी के बाद मीडिया को बताया था कि अभियुक्तों ने 'विश्व हिंदू दल' नाम का एक लोकल ट्रस्ट रजिस्टर किया हुआ था.
अम्बुज निगम इस ट्रस्ट के प्रमुख बताये गए थे जिनके ख़िलाफ़ दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं. वायरल वीडियो में अम्बुज निगम ही कश्मीरी लोगों को लाठी मारते दिखाई देते हैं.
गिरफ़्तारी के बाद हिमांशु अवस्थी ने कश्मीरी लोगों के साथ मारपीट की घटना को 'भारतीय जनता का आक्रोश' बताकर सही ठहराने का प्रयास किया था.
फ़िलहाल ज़मानत पर बाहर
इस घटना के बारे में हमने हिमांशु अवस्थी से बात की तो उन्होंने हमें बताया कि 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रहने के बाद उन्हें कोर्ट से ज़मानत मिल गई थी. फ़िलहाल वो जेल से बाहर हैं और कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जारी है.
हिमांशु कहते हैं कि कश्मीरी लोगों के साथ मारपीट करने का व्यक्तिगत रूप से उनका कोई इरादा नहीं था, लेकिन डालीगंज पुल से गुज़रते समय 'विश्व हिंदू दल' के उनके अन्य साथियों ने मारपीट शुरु कर दी.
हिमांशु के मुताबिक़, वो अब 'विश्व हिंदू दल' के सदस्य नहीं हैं.
मार्च 2019 में जब ये मामला सामने आया था तो बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इसकी निंदा की थी और कई बीजेपी समर्थकों ने हिमांशु अवस्थी को समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता बताया था.
लेकिन हिमांशु अवस्थी ने बीबीसी से बातचीत के दौरान इसे अफ़वाह बताया और कहा कि वो कभी भी समाजवादी पार्टी के संपर्क में नहीं रहे.
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